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Jamin mutation: दाखिल–खारिज सिस्टम में बड़ा सुधार, बिना कारण रिजेक्ट करने पर होगी कार्रवाई

मार्च तक निपटेंगे सभी वैध आवेदन

पटना। राज्य में भूमि विवाद की बढ़ती समस्याओं और राजस्व विभाग की सेवाओं में हो रही देरी को लेकर आम जनता की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि इन समस्याओं का स्थायी समाधान उनकी पहली प्राथमिकता है। राजस्व विभाग के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि से जुड़े मामलों में अनावश्यक भटकाव और विलंब अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि दाखिल–खारिज एवं परिमार्जन से जुड़े सभी मामलों का निष्पादन अब निर्धारित समय-सीमा के भीतर हर हाल में किया जाएगा। इसके लिए दाखिल–खारिज एवं परिमार्जन प्लस पोर्टल पर प्राप्त सभी आवेदनों का समय पर निपटारा सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि फील्ड स्तर पर बिना किसी ठोस कारण के आवेदनों को रिजेक्ट या रेफर करने की प्रवृत्ति पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। अब जो भी अधिकारी या राजस्व कर्मचारी आवेदन को रिजेक्ट या रेफर करेंगे, उन्हें उसका स्पष्ट और ठोस कारण बताना अनिवार्य होगा।

उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि अधिक संख्या में आवेदनों को रिजेक्ट करने या लंबित रखने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की जिलावार सूची तैयार की जा रही है। इसी सूची के आधार पर उनके कार्यों की समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई भी की जाएगी।

फर्जी दस्तावेजों पर सख्त नजर

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कार्यों में बाधा उत्पन्न करने और न्यायालयों का समय खराब करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए राज्यस्तरीय स्पेशल टीम का गठन किया जा रहा है। यह टीम मौके पर जाकर फर्जी दस्तावेजों, अनावश्यक रूप से लंबित परिमार्जन तथा दाखिल–खारिज आवेदनों की जांच करेगी। टीम पीड़ित आवेदकों से मिलकर उनका पक्ष भी सुनेगी।

उन्होंने बताया कि सभी सही और वैध लंबित दाखिल–खारिज एवं परिमार्जन प्लस आवेदनों का मार्च माह तक निष्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि जनता को अनावश्यक भटकाव से बचाना है। सभी कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूरे हों, यही विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

राजस्व कर्मचारी पंचायत में अनिवार्य रूप से रहेंगे

उपमुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि अक्सर शिकायतें मिलती हैं कि राजस्व कर्मचारी अपनी निर्धारित पंचायतों से अनुपस्थित रहते हैं। इसे देखते हुए निर्देश दिया गया है कि सभी राजस्व कर्मचारी अपनी निर्धारित पंचायत में ही बैठेंगे। यदि किसी कर्मचारी के पास दो पंचायतों का प्रभार है, तो उसके लिए दिन और समय पूर्व से तय किया जाएगा।

मुख्यालय स्तर से सुबह, दोपहर और शाम वीडियो कॉलिंग के माध्यम से उपस्थिति की जांच की जाएगी। इसके साथ ही सभी अधिकारियों को राजस्व से संबंधित न्यायालयों में समय-सीमा के भीतर निर्णय देने और न्यायालयी कार्यों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया है।

सूचना पारदर्शिता पर जोर

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अंचलाधिकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची मोबाइल नंबर सहित अनिवार्य रूप से लगाई जाएगी। वहीं पंचायत स्तर पर भी जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची और क्षेत्र का नक्शा प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि आम जनता को सही जानकारी मिल सके।

सीसीटीवी से होगी अंचल कार्यालयों की निगरानी

प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सभी अंचल कार्यालयों की सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर एक कंट्रोल एवं कमांड सेंटर स्थापित किया जाएगा, जहां से पूरे राज्य के अंचल कार्यालयों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी उपायों से भूमि विवादों में कमी आएगी, राजस्व सेवाएं तेज होंगी और आम लोगों को समय पर न्याय व सुविधा मिल सकेगी। सरकार की मंशा है कि राजस्व व्यवस्था भरोसेमंद, पारदर्शी और जनहितकारी बने।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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