Scam in Saran: मुखिया ने कागजों में कार्य कराकर कर ली 21 लाख रूपये की फर्जी निकासी, DM ने दिया FIR का आदेश
पंचायत सचिव के खिलाफ प्रपत्र-क गठित कर विभागीय कार्रवाई

छपरा। सारण जिले के दरियापुर प्रखंड के बजहियाँ पंचायत में सरकारी योजनाओं में घोर अनियमितता का बड़ा मामला सामने आया है। नाली और सड़क निर्माण जैसे कार्यों के नाम पर करीब 21 लाख रुपये की निकासी कर ली गई, जबकि जमीनी स्तर पर कोई कार्य हुआ ही नहीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी अमन समीर ने पंचायत की मुखिया और पूर्व पंचायत सचिव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है।
यह कार्रवाई स्थानीय विधायक छोटेलाल राय द्वारा जिलाधिकारी को दिए गए आवेदन के बाद हुई, जिसमें पंचायत में सरकारी राशि के दुरुपयोग की शिकायत की गई थी। डीएम के आदेश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) द्वारा कराई गई जांच में कई गड़बड़ियों की पुष्टि हुई।
जांच में मिले ये चौंकाने वाले तथ्य:
- रामपुर गांव (वार्ड संख्या-1): नाला निर्माण के नाम पर लाखों रुपये की निकासी हुई, परंतु स्थल पर कोई कार्य नहीं मिला।
- श्यामचक (वार्ड संख्या-8): पीसीसी सड़क निर्माण की स्वीकृति के बावजूद निर्माण कार्य नहीं हुआ, लेकिन राशि उठा ली गई।
- कोचवारा (वार्ड संख्या-13): योजना की कुल लागत ₹1.34 लाख थी, जिसमें ₹45000 निकाले जा चुके हैं, लेकिन न तो निर्माण हुआ और न ही स्थल पर योजना का कोई चिन्ह है।
- पंचायत के तकनीकी सहायक द्वारा हस्ताक्षरित कई मस्टर रोल और एमबी बिना स्थल सत्यापन के तैयार किए गए।
- पूर्व पंचायत सचिव द्वारा वर्तमान सचिव को योजना से संबंधित आवश्यक दस्तावेज हस्तांतरित नहीं किए गए।
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डीएम के कड़े निर्देश:
जिलाधिकारी अमन समीर ने जांच रिपोर्ट के आधार पर दरियापुर बीडीओ को निम्नलिखित आदेश जारी किए हैं:
- पंचायत की मुखिया और पूर्व सचिव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
- सचिव के विरुद्ध प्रपत्र ‘क’ में विभागीय कार्रवाई शुरू की जाए।
- मुखिया के विरुद्ध पंचायती राज अधिनियम की धारा-18 के तहत कार्रवाई हेतु प्रस्ताव तैयार कर विभाग को भेजा जाए।
- गबन की गई राशि की 15 दिनों के भीतर वसूली सुनिश्चित की जाए, अन्यथा नीलाम पत्र वाद चलाकर संपत्ति कुर्क की जाए।
एक्शन में जिला प्रशासन
बजहियाँ पंचायत में हुए इस घोटाले को लेकर अब जिला प्रशासन की ओर से सतर्कता और निगरानी और अधिक तेज कर दी गई है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया है कि जनकल्याण योजनाओं में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।