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National Taekwondo Championship: सारण के खिलाड़ियों ने नेशनल ताइक्वांडो में लहराया परचम, बिहार को दिलाए 4 पदक

चार खिलाड़ियों ने पदक जीतकर जिले का नाम रोशन किया

छपरा। सारण के होनहार खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर की ताइक्वांडो प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती। हाल ही में उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित प्रेम नगर आश्रम हॉल में आयोजित 23 से 25 जून तक की नेशनल ताइक्वांडो चैंपियनशिप में सारण के 8 खिलाड़ियों ने बिहार का प्रतिनिधित्व किया, जिनमें से चार खिलाड़ियों ने पदक जीतकर जिले और राज्य का नाम रोशन किया।

सब जूनियर वर्ग में सुंदरम पासवान ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया। जूनियर वर्ग के 48-51 किलोग्राम भार वर्ग में सत्यम कुमार ने रजत पदक, सब-जूनियर बालिका वर्ग के 35-38 किलोग्राम में किरण कुमारी ने रजत पदक, और जूनियर वर्ग के 42-44 किलोग्राम में रूबी कुमारी ने भी रजत पदक जीतकर सारण को गौरवान्वित किया।

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 तीनों भाई राष्ट्रीय स्तर के पदक विजेता

सुंदरम और सत्यम सहोदर भाई हैं, और इनसे बड़े भाई शिवम कुमार भी राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। शिवम को पिछले वर्ष बिहार खेल सम्मान से नवाजा जा चुका है और इस बार वे राजस्थान में होने वाली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। तीनों भाइयों ने अब तक बिहार के लिए कई पदक जीते हैं।

स्वर्ण पदक विजेता सुंदरम पासवान ने बताया कि उन्होंने यह जीत चार राज्यों के खिलाड़ियों को हराकर हासिल की है। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय अपने कोचों – दिव्यांशु कुमार, जितेंद्र सर, विवेक कुमार, सुरेश कुमार रजक, रवि शंकर शर्मा और सोनू कुमार – को दिया है।

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निशुल्क प्रशिक्षण और मैदान की मांग

खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने वाले कोच विवेक कुमार ने बताया कि वे बिना किसी सरकारी सहयोग के गरीब बच्चों को निशुल्क ताइक्वांडो का प्रशिक्षण दे रहे हैं। हालांकि, हाल ही में उन्हें राजकीय बुनियादी विद्यालय महम्मदपुर के परिसर में प्रशिक्षण देने से रोक दिया गया है, जहां वे शाम 5 बजे के बाद बच्चों को 2 घंटे ट्रेनिंग दिया करते थे। उन्होंने कहा कि वे जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से स्थायी खेल मैदान उपलब्ध कराने की अपील करते हैं, ताकि गरीब बच्चे बिना बाधा के अभ्यास कर सकें।

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मुखिया और समाजसेवियों का सहयोग

रिविलगंज प्रखंड के मुकरेरा पंचायत के मुखिया मनोज महतो ने बताया कि ये सभी खिलाड़ी गरीब परिवारों से आते हैं – किसी के पिता रिक्शा चालक, तो किसी के मजदूर हैं। आर्थिक अभाव के बावजूद ये बच्चे लगातार राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ हमेशा खड़े रहेंगे।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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