दोहरे हत्याकांड में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा

छपरा
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छपरा।सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के राजनेता प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने यह सजा 1995 के दोहरे हत्याकांड से जुड़े एक मामले में सुनाई है। प्रभुनाथ सिंह पूर्व सांसद हैं। प्रभुनाथ पर 1995 में हत्या का मामला दर्ज हुआ था। उसी मामले पर आज शीर्ष अदालत का फैसला आया और पूर्व सांसद को उम्रकैद की सजा सुनाई।बिहार की महाराजगंज लोकसभा सीट से तीन बार जदयू और एक बार आरजेडी के टिकट पर सांसद रह चुके प्रभुनाथ सिंह पर 1995 में मसरख के एक मतदान केंद्र के पास तब 47 साल के दारोगा राय और 18 साल के राजेंद्र राय की हत्या का आरोप है.

आरोप था कि दोनों ने प्रभुनाथ सिंह समर्थित उम्मीदवार को वोट नहीं किया था, इसलिए दोनों की हत्या कर दी गई. मृतक के भाई द्वारा गवाहों को धमकाने की शिकायत के बाद इस केस को छपरा से पटना ट्रांसफर कर दिया गया जहां इसका ट्रायल हुआ था. कोर्ट ने सबूतों के आभाव में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था. पटना हाईकोर्ट ने 2012 में निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया था. इसके बाद मृतक राजेंद्र राय के भाई हरेंद्र ने दोनों फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एएस ओक और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. केस के बाकी आरोपियों को रिहाई को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया.

प्रभुनाथ सिंह इस समय 1995 के ही एक मर्डर केस में सजा काट रहे हैं. मसरख के विधायक अशोक सिंह की 1995 में हत्या हो गई थी, जिन्होंने चुनाव में प्रभुनाथ सिंह को हराया था. चुनावी हार के बाद प्रभुनाथ सिंह ने कथित तौर पर कहा था तीन महीने के अंदर अशोक सिंह को मार देंगे.

अशोक सिंह की हत्या उनके घर पर दिनदहाड़े कर दी गई थी. इस केस में 2017 में प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराया गया था. वे इस समय जेल में सजा काट रहे हैं. राजनीति में प्रभुनाथ सिंह पहले आनंद मोहन के साथ थे, लेकिन बाद में नीतीश कुमार के साथ आ गए. नीतीश से विवाद के बाद 2010 में प्रभुनाथ सिंह लालू यादव के साथ आ गए थे.