छपरा।सुप्रसिद्ध लोकगायिका तृप्ति शाक्या को इंटरनेशनल इंटर्नशिप यूनिवर्सिटी से संगीत में डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली है। यूनिवर्सिटी ने कार्यक्रम अायोजित कर मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया। इसमें विदेशों से भी प्रतिनिधि शामिल थे। यह प्रतिष्ठित सम्मान पाकर तृप्ति शाक्या बेहद खुश है। आईआईयू के चेयरमैन को तृप्ति जी ने बधाई दी है। सम्मान पाने के बाद कहा कि संगीत की दुनिया में यह सम्मान बड़ा सम्मान है।
यहां बता दें कि तृप्ति शाक्या भक्ति ,भजन व पार्श्व गायन यात्रा के अग्रणी व अहम सारथी है । आज भक्ति गीतों व भजन को सरलता और सफलता से जनमानस के दिल व आम घरों तक पहुंचाने का बहुत बड़ा श्रेय तृप्ति शाक्या को जाता है । संगीत जगत में उनकी मीठी व सुरीली आवाज ने विशेष पहचान बना ली है । बचपन से ही संगीत से लगाव रहा। अब तक 5000 से अधिक लाइव कंसर्ट कार्यक्रम, दर्जन अधिक फिल्म के लिए पार्श्व गायन , 150 से अधिक भजन / भक्ति गीतों के एलबम है। कई राष्ट्रीय स्तर के सम्मान अपने नाम कर चुकी है।
पांच साल की उम्र से संगीत सिखना शुरु कर दी
तृप्ति बताती है कि मेरी पढाई लिखाई गांव में हुई। मुझे बचपन से ही संगीत से लगाव रहा । मेरी घर के लोंगो को गहरा लगाव था। वो चाहती थी कि हम प्लेबैक सिंगर बने जबकि पिताजी अधिकारी बनाना चाहते थे। मैंने पांच साल की उम्र में ही संगीत सिखना शुरू कर दिया था।
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