बिहार डेस्क। अब बिहार ही नहीं पूरे देश के बाजार में मुजफ्फरपुर की रंग बिरंगी चूड़ियां अपना रंग बिखरने लगी है। जैसी ही चूड़ियों की बात होती है तो सबसे पहले उत्तर प्रदेश के कई शहरों के नाम दिमाग में आ जाते हैं जहां व्यापक पैमाने पर चूड़ी का कारोबार होता है पर चोरी और उससे जुड़ी लहठी का निर्माण कार्य मुजफ्फरपुर से लेकर समस्तीपुर में आबरू उद्योग का रूप ले चुका है।बाबा लहठी भंडार के संचालक मो. रियाज बताते हैं सन 1932 में उनके परदादा मुजफ्फरपुर आए थे. उन्होंने ही यहां लाह की लहठी बनाने की शुरुआत की. शुरुआत में वे घर-घर जा कर महिलाओं को इसकी विशेषता बताते थे.
मुजफ्फरपुर में बनने वाले रंग-बिरंगे इन लहठी और चूड़ियों की डिमांड बिहार ही नहीं अब बिहार के बाहर भी कई प्रदेशों में होने लगी है लाह से बनाई जाने वाली लहठी के लघु और कुटीर उद्योग ने अब बड़ा स्वरूप धारण कर लिया है इसमें अब हजारों परिवार जुड़ गए हैं जो अपने रोजी-रोटी के साथ अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर रहे हैं। बिहार में चूड़ियां फैजाबाद से ही सबसे ज्यादा आती है पटना में चूड़ी मार्केट से लेकर राज्य के तमाम जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार में चूड़ी की मंडी में फैजाबाद की चूड़ियों की ही सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। पर इस मिथक को मुजफ्फरपुर में बनने वाली रंग बिरंगी चूड़ियों ने तोड़ने का काम किया मुजफ्फरपुर के साथी साथ सीमावर्ती समस्तीपुर जिले में भी व्यापक पैमाने पर अब इस कारोबार ने फैलना शुरू कर दिया है।
बिहार में कई इलाकों में ऐसे ही विविध कार्यक्रम के लोग रोजी रोजगार की कमी को दूर कर रहे हैं साथ ही साथ स्थानीय बाजार में लोकल वस्तुओं को उतार कर उनकी कीमतों में भी कमी ला रहे हैं। मुजफ्फरपुर में बनने वाली लहठी का इस्तेमाल कई बॉलीवुड कलाकार तथा राजनेताओं के परिवार में हो चुका है। बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्या राय की शादी में यहीं से विशेष रूप से इसे करवा तैयार करवाया गया था जबकि क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की पत्नी के लिए भी यहीं से लह ठी तैयार करके भेजा जाता है।
Publisher & Editor-in-Chief