रात में ठंडी और दिन में गर्मी से मौसमी बीमारियों का खतरा, मरीजों की बढ़ रही है संख्या

छपरा
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

छपरा। बदलते मौसम में तापमान बदल रहा है. दिन में गर्मी तो रात में हल्की ठंड हो जाती है. दिन की गर्मी देखकर लोग रात की सर्दी के प्रति लापरवाह रहते है. यही लापरवाही बीमारी का कारण बन रही है. मौसम बदलने के साथ सरकारी अस्पताल व निजी क्लीनिकों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. सबसे ज्यादा सर्दी, जुकाम, बुखार और हृदय रोगी अस्पताल पहुंच रहे है. बदलता मौसम श्वास, ब्लड प्रेशर, हृदय के मरीजों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. अस्पतालों में धीरे-धीरे ऐसे मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जो मौसमी बीमारियों से पीड़ित हो रहे है. सर्दी, जुकाम के अलावा खांसी से पीड़ित मरीजों की संख्या सबसे अधिक है. इसके अलावा बदन दर्द, जोड़ों का दर्द और सांस फूलने से परेशान मरीज भी आ रहे है.

मौसम में उतार -चढ़ाव से इलाके में वायरल बुखार का प्रकोप बढ़ने लगा है. रात में गुलाबी ठंड और दिन में तेज धूप के कारण लोग बीमार हो रहे हैं. इस कारण अस्पतालों में मरीज पहुंच रहे हैं. इसके अलाण्वा निजी क्लीनिकों में भी मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. मौसम के कारण गत एक सप्ताह से मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है।

शहर के श्यामचक स्थिति संजीवनी नर्सिंग होम एवं मेटरनिटी सेटर के संस्थापक एवं शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अनिल कुमार ने बताया कि यह बुखार बच्चे, जवान व बुजुर्गों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. इस बुखार के उतर जाने के बाद भी लोग परेशान रहते है.

इन लक्षणों की पहचान है जरूरी

बुखार की चपेट में आने वाले रोगियों को सर्दी, खांसी व गले में तेज दर्द की परेशानी होती है और कमजोरी आ जाती है. वायरल बुखार के साथ-साथ सिरदर्द, बदन दर्द, सांस और पेट संबंधित बीमारी से भी परेशानी बढ़ गय है . वायरल बुखर के लक्षण उन्होंने कहा कि शरीर में तेज दर्द, गले में खरास और दर्द, त्वचा पर हल्के धब्बे पड़ना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, कमजोरी महसूस होना, सिर दर्द होने के साथ तेज बुखार, खांसी की शिकायत सहित अन्य लक्षण वायरल बुखार से जुड़े है. बुखार होने पर ध्यान देने की जरूरत वायरल बुखार आमतौर पर साधारण बुखार की तरह ही होता है.

मौसम में बुखार होने पर तुरंत ही इलाज करवाना जरूरी : डॉ संजू

वही संजीवनी नर्सिंग होम कि संचालिका शहर के प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजू प्रसादने बताया कि मौसम में बुखार होने पर तुरंत ही इलाज करवाना जरूरी है. डाॅक्टर की सलाह पर ही दवा लेना चाहिए. पीड़ित से हाथ मिलाने, छींकने, नजदीक में रहने से भी वायरल का प्रकोप होने की संभावना रहती है. इसलिए वायरल बुखार होने पर ध्यान देने की जरूरत है.

इम्युनिटी करें स्ट्रॉन्ग जानकारी के मुताबिक यह वायरल फीवर आमतौर पर उन लोगों को होता है, जिनकी इम्युनिटी कमजोर है. ऐसे में हमें चाहिए कि पहले हम अपनी इम्युनिटी मजबूत करें. इसके लिए हमें खाने में कुछ ऐसी चीजें शामिल करनी होंगी जो इम्युनिटी को स्ट्रॉन्ग करती हों. एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ के इस्तेमाल से इम्युनिटी स्ट्रॉन्ग हो सकती है.

कहते हैं उन्होंने कहा कि बदलते मौसम में लोग कई तरह की बीमारी का शिकार हो रहे हैं. ऐसे मौसम में खासकर शिशुओं का देखभाल जरूरी है. उन्होंने कहा कि मौसम को लेकर लापरवाही बरतने वाले लोग ज्यादातर बीमार पड़ रहे हैं. आगे उन्होंने कहा कि नवजात शिशु अपने शरीर का तापमान अच्छे ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाते है. उन्हें बहुत जल्दी सर्दी या गर्मी लग सकती है. अभिभावक को ध्यान रखना होगा कि सोते समय शिशु के शरीर के तापमान का ध्यान रखें।