हीट स्ट्रोक के कारण बढ़ सकता है शरीर का तापमान, लक्षणों की पहचान जरूरी: डॉ इशिका

छपरा

छपरा: हीट स्ट्रोक या सन स्ट्रोक को समान्य भाषा में लू लगना कहते है। यह तेज धूप या गर्मी में अधिक समय तक रहने से हो सकती है। आमतौर पर शरीर से पसीने के रूप में गर्मी निकलती रहती है लेकिन इस समस्या में शरीर का नेचुरल कूलिंग सिस्टम काम करना बंद कर देता है, जिससे तापमान 100 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक हो सकता है। इसे हीट स्ट्रोक कहते हैं। अगर शरीर का तापमान 104 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा होने लगते तो तुरंत नजदीक अस्पताल में संपर्क करें। लू दो तरह का होता है। एक्सर्शनल हीट स्ट्रोक अधिक गर्मी के कारण होता है जबकि नॉन एक्सर्शनल हीट स्ट्रोक का कारण उम्र या बीमारियां होती हैं। अपने शरीर के तापमान को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाने के कारण बुजुर्गों और बच्चों को लू का खतरा सबसे अधिक होता है।

हीट स्ट्रोक से बचाव का उपाय:

छपरा सदर अस्पताल में पदस्थापित व नगरपालिका चौक स्थित सात्विका न्यूबॉर्न एंड चाइल्ड केयर की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ इशिका सिन्हा ने बताया कि हीट स्ट्रोक से बचने के लिए खूब पानी पीएं। अगर एल्कोहॉल लेते हों तो इसे तुरंत बंद करें और तरबूज, नींबू पानी, नारियल पानी, लीची, कीवी, खरबूजा, अंगूर, छाछ आदि का सेवन करें। मरीज को कच्चे आम का पना और इलेक्ट्रॉल का घोल दें। चाय-कॉफी भूलकर भी न दें। मरीज को ठंडे पानी से स्नान कराएं।ठंडा पानी से शरीर को पोछे। ठंडे जगह रहे जैसे ऐसी, कूलर, पंखा घर के खिड़की दरबाजे बंद कर के रखे।

*कारण*

* हीट स्ट्रोक तेज धूप या ज्यादा गर्मी में बाहर निकलने के कारण होता है। इससे शरीर का तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाता है।

*लक्षण*
* सिरदर्द होना
* चक्कर आना
* त्वचा व नाक का खुश्क हो जाना
* ज्यादा पसीना आना
* मांसपेशियों में ऐंठन व कमजोरी
* उल्टी आना
* ब्लड प्रेशर बढ़ना
* बेहोशी आना
* व्यवहार में बदलाव आना या चिड़चिड़पान।

ज्यादा मात्रा में पानी क सेवन करें :

डॉ इशिका सिन्हा ने बताया कि गर्मियों के दौरान ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। पानी में थोड़ा नमक मिलाकर पीने से शरीर में नमक की कमी नहीं होगी। तला-भुना और भारी भोजन करने से बचें। इसके अलावा गर्मियों में बाहर के खाने से परहेज करें। हीट स्ट्रोक के मरीजों को हल्का भोजन देना चाहिए। तेज धूप में बाहर निकलने से बचें। अगर निकलना ही हो तो अपने साथ पानी की बॉटल, नींबू, छाता, ग्लूकोज़, सनग्लॉसेज जरूर रखें। गर्मी के मौसम में ठंडे पानी में नींबू और चीनी-नमक मिलाकर पीने से हीट स्ट्रोक का खतरा कम होता है।दही का सेवन जरूर करें। प्यास न लगे तो भी पानी पीते रहें और हीट स्ट्रोक के मरीज को हर दो-तीन घंटे पर छाछ देते रहें। इससे हीट का प्रभाव कम होगा और मरीज धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा।