
सीतामढ़ी (बिहार): UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में बिहार के बेटे राज कृष्ण झा ने टॉप 10 में जगह बनाकर अपने राज्य और पूरे देश का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है। सीमित संसाधनों और कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने यह कर दिखाया कि सच्ची मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास के बल पर कोई भी मंज़िल पाई जा सकती है।
राज कृष्ण झा बिहार के सीतामढ़ी जिले के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखते हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई नेपाल के जापा जिले के एक स्कूल से हुई। इसके बाद उन्होंने बिहार बोर्ड से 12वीं की परीक्षा पास की और मोतीलाल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MNNIT) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया।




इंजीनियरिंग के बाद हिंदुस्तान पेट्रोलियम में नौकरी
इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) में सहायक प्रबंधक के तौर पर कोल्हापुर में नौकरी शुरू की। लेकिन उनके दिल में कुछ बड़ा करने की चाह थी। UPSC की तैयारी करते हुए उन्होंने कई असफलताओं का सामना किया — पहले दो प्रयासों में प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर सके और तीसरे प्रयास में केवल दो अंकों से चयन से चूक गए।
पर उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने ठान लिया था कि अब की बार सिर्फ पास नहीं, टॉप 10 में आना है। और अपने इस लक्ष्य को उन्होंने साकार भी किया। उन्होंने हिंदी को ऑप्शनल और जियोग्राफी को मुख्य विषय के रूप में चुना था।
राज कृष्ण झा कहते हैं कि इस बार उन्हें अपनी सफलता को लेकर भरोसा था क्योंकि मॉक टेस्ट में भी उनका प्रदर्शन शानदार था।
उनकी सफलता के पीछे उनके परिवार का अहम योगदान रहा। उनके पिता सुनील कुमार झा नेपाल के एक निजी स्कूल में शिक्षक थे और उन्होंने ही राज के शैक्षणिक आधार को मज़बूती दी। उनके दादा सुलपानी झा हेड मास्टर थे और बहन एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं।
राज कृष्ण झा की यह कहानी ना सिर्फ सीतामढ़ी या बिहार, बल्कि पूरे भारत के उन युवाओं के लिए एक मिसाल है जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं और उन्हें पूरा करने के लिए जी-जान लगा देते हैं।
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