Makka Ki Kheti: मक्का उत्पादन में बेमिसाल सफलता, बिहार ने किया 300% इजाफा
किसानों को उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराने में बिहार ने पाई बड़ी उपलब्धि

पटना। बिहार सरकार कृषि के क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार के कृषि विभाग की तरफ से विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। इन योजनाओं में एक योजना राज्य के किसानों को उन्नत किस्म का बीज मुहैया कराना भी है। कम उत्पादन देने वाली बीजों की जगह उन्नत किस्म के बीजों के इस्तेमाल से कृषि उत्पादों के उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण मक्का है जिसके शत प्रतिशत बीजों को उन्नत किस्म में बदला जा चुका है। इससे मक्का उत्पादन में करीब 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्नत बीज के महत्व को देखते हुए राज्य सरकार ने अपने कृषि रोड मैप इसे भी शामिल किया है। राज्य सरकार का कृषि विभाग किसानों को उचित मूल्य एवं उचित समय पर गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज उपलब्ध करा रहा है। इस दिशा में राज्य सरकार ने वर्षों पहले ही काम शुरू कर दिया था जिसके अच्छे परिणाम अब मिल रहे हैं। वर्ष 2005 में बिहार राज्य बीज निगम को पुनः क्रियाशील किया गया था। इसके साथ ही, वर्ष 2006-07 में सभी 241 राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्रों पर आधार बीज उत्पादन कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इन प्रयासों का नतीजा है कि आज खाद्यान्न उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
उपलब्ध कराए जा रहे हैं उन्नत किस्म के बीज
राज्य सरकार ने कम उपज देने वाली बीजों को खेती में इस्तेमाल से बाहर कर उनकी जगह पर उन्नत किस्म के बीज को लाने में बड़ी सफलता हासिल की है। इसके प्रतिस्थापन की दर में लगातार बढ़ोतरी होती गई है। वर्ष 2004-05 से पहले धान के बीज की बात करें तो इसके प्रतिस्थापन की दर जहां 11 प्रतिशत थी, वहीं वर्ष 2024-25 में यह बढ़कर 50.91 प्रतिशत हो गयी है।
इसी तरह वर्ष 2004-05 गेहूं के बीज की प्रतिस्थापन दर 12 प्रतिशत थी, जो कि अब बढ़कर अब 46.32 प्रतिशत हो गई है। मक्का की खेती में बीज प्रतिस्थापन दर 50 प्रतिशत से बढ़कर अब 100 प्रतिशत और दहलन के बीज प्रतिस्थापन की दर वर्ष 2004-05 में 5.83 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 46.75 प्रतिशत हो गई है। वहीं तेलहन का बीज प्रतिस्थापन दर 30 प्रतिशत था, जो बढ़कर वर्ष 2024-25 में 90.26 प्रतिशत हो गया है।