अब बिहार में बिना बारकोड नहीं चलेगी ऑटो-ई रिक्शा, नियम तोड़ने पर लगेगा जुर्माना
स्कैन करने पर यात्रियों को वाहन और चालक की पूरी जानकारी मिलेगी

पटना। पटना जिले में ऑटो और ई-रिक्शा से सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा अब और मजबूत होने जा रही है। पटना कमिश्नरी ने एक अहम फैसला लेते हुए निर्देश जारी किया है कि जिले के सभी परमिट प्राप्त ऑटो और ई-रिक्शा पर बारकोड लगाना अनिवार्य होगा।
इस बारकोड के जरिए यात्री अपने मोबाइल से स्कैन कर वाहन और चालक की पूरी जानकारी देख सकेंगे। वहीं प्रवर्तन टीम को भी वाहनों से जुड़ी सूचनाएं आसानी से उपलब्ध होंगी। इससे जहां यात्रियों को सुरक्षा की गारंटी मिलेगी, वहीं अवैध और बिना परमिट वाले वाहनों पर रोक लगाना भी आसान होगा।
बिना बारकोड पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जो चालक बिना बारकोड के ऑटो या ई-रिक्शा चलाते पकड़े जाएंगे, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। यह कदम न केवल नियम पालन सुनिश्चित करेगा बल्कि अपराध नियंत्रण और ट्रैफिक प्रबंधन में भी सहायक होगा।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया होगी शुरू
पटना कमिश्नरी ने बताया कि नए परमिट के लिए जल्द ही ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके लिए एक विशेष पोर्टल विकसित किया जा रहा है। वाहन स्वामी इस पोर्टल के माध्यम से जोनवार आवेदन कर सकेंगे।
- प्रत्येक वाहन स्वामी एक जोन में अधिकतम तीन रूटों के लिए आवेदन कर सकेगा।
- लेकिन परमिट केवल एक रूट पर ही जारी किया जाएगा।
- विशेष परिस्थितियों जैसे ईंधन भरवाने या आपातकालीन स्थिति में अन्य रूट पर जाने की अनुमति होगी।
इस संबंध में आवेदन प्रक्रिया की पूरी जानकारी समय पर समाचार पत्रों और अन्य माध्यमों से दी जाएगी।
जोन आधारित नई व्यवस्था
शहर में जाम की समस्या को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने ऑटो और ई-रिक्शा परिचालन की जोन आधारित व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत पटना को तीन जोन –
- पीला जोन
- नीला (ब्लू) जोन
- हरा जोन
में विभाजित किया गया है। इसके अलावा, रिजर्व ऑटो और ई-रिक्शा के लिए एक अलग जोन भी बनाया जाएगा। नई व्यवस्था के बाद वाहन केवल अपने निर्धारित जोन में ही चल सकेंगे, जिससे शहर में यातायात सुचारु होगा और भीड़भाड़ कम होगी।
सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में मददगार कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल राजधानी में सार्वजनिक परिवहन को और व्यवस्थित करेगी। बारकोड सिस्टम से यात्रियों का विश्वास बढ़ेगा और पुलिस-प्रशासन को अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी। साथ ही, जोन आधारित रूटिंग से पटना की सबसे बड़ी समस्या – ट्रैफिक जाम – को कम करने में भी काफी हद तक राहत मिलेगी।