सारण में घघरा नदी में प्रवाहित किया जायेगा 3:50 लाख मत्स्य बीज, रिवर रैचिंग कार्यक्रम से मछुआरों की सुधरेगी आर्थिक स्थिति

क़ृषि छपरा
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छपरा। सारण जिले के मांझी प्रखंड के घाघरा नदी पर रामघाट मंदिर पर गंगा नदी तंत्र में नदी पुनर्स्थापना कार्यक्रम (रिवर रैंचिंग ) के तहत मत्स्य गोष्ठी आयोजित किया गया।  इस गोष्ठी में अंगुलिका साइज का भारतीय कॉर्प का मत्स्य बीज को घाघरा नदी में प्रवाहित किया जाना है। उपस्थित मछुआरों के बीच यह संदेश दिया गया की बिहार में कालांतर में नदियों के प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र पर मानव गतिविधियों और अविवेकपूर्ण मत्स्य दोहन एवं पर्यावरण प्रदूषण हावी होने के फल स्वरुप नदियों के मत्स्यकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

इससे न केवल मत्स्य उत्पादन प्रभावित हुआ है बल्कि मूल मत्स्य प्रजातियों की विविधता अवांछनीय मछलियों की प्रजातियां में अभिवृद्धि तथा मत्स्य उत्पादन में अविश्वसनीय छति हुई है। जिसका सीधा प्रभाव मछुआरों के आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति एवं नदियों के जल के गुणवत्ता पर पड़ा है।

बढ़ती आबादी के साथ गुणवत्ता युक्त मत्स्य प्रोटीन की मांग में अभिवृद्धि नदी मत्स्य संसाधन के सतत उपयोग संरक्षण तथा मछुआरों के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान को दृष्टिपथ में रखते हुए रिवर रैंचिंग कार्यक्रम की स्वीकृति प्रदान की गई है।

घाघरा नदी में 3:50 लाख मत्स्य बीज का प्रवाह किया  जायेगा

जिसके आलोक में भारतीय कार्प के अंगुलिका साइज मत्स्य बीज का घाघरा नदी में 3:50 लाख मत्स्य बीज का प्रवाह किया जाना है। भारतीय कार्प अंगुलिका साइज मछलियों का नदियों से शिकार ना किया जाए। इसे बढ़ने -फलने फूलने दिया जाए नदियों में 4 सेंटीमीटर से कम के साइज का जाल का प्रयोग नहीं किया जाए स्थानीय मछलियों की प्रजातियों के जर्म प्लाज्म का पुनर्स्थापना एवं संरक्षण किया जाए।

 

बिहार मत्स्य जलकर प्रबंधन अधिनियम 2006 के कंडिका 13 में खुले जल स्रोतों में मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता को बनाए रखने के लिए निम्न पर प्रतिषेध घोषित है 15 जून से 15 अगस्त तक समय अवधि में मत्स्य शिकार माही प्रतिषेध रहेगी। 4 सेंटीमीटर से कम का फासा जाल गिल नेट नदियों में प्रतिषेध होगा। पालने वाली मछलियों के किसी भी नस्ल की अंगलिकाओं की शिकार माही प्रतिषेध होगी शिकार माही हेतु डायनामाइट या विस्फोटक पदार्थ जहर अथवा अन्य जहरीले पदार्थ का उपयोग प्रतिषेध होगा।

इस गोष्ठी में जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार के अलावा  मत्स्य विकास पदाधिकारी नरेंद्र कुमार कनीय अभियंता श्रवण पंडित, मत्स्य बीज हैचरी मालिक सुखराम , राकेश कुमार उपस्थित थे।