•सभी बच्चों का डॉ अनिल कुमार ने किया स्वास्थ्य जांच
छपरा। शहर के श्यामचक आदर्श कॉलोनी स्थित संजीवनी संस्कार स्कूल के प्रांगण में बुधवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर लायंस क्लब छपरा सारण एवं संजीवनी संस्कार स्कूल के सौजन्य से जागरूकता अभियान व स्वस्थ्य जांच के लिए शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें शहर प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ अनिल कुमार ने स्कूल के सभी बच्चों का स्वस्थ्य जांच कर एल्बेंडाजोल का खुराक खिलाया। इस मौके पर स्वस्थ्य जांच एवं जागरूकता अभियान को सम्बोधित करते हुए डॉ अनिल कुमार ने बताया कि विशेष रूप से 1 से 19 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए कृमि मुक्ति के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाता है. इस दिन के उत्सव का उद्देश्य बच्चों और किशोरों के बीच परजीवी आंतों के कीड़े, या मिट्टी से फैलने वाले कृमि के प्रसार को कम करना है.
कृमि संक्रमण क्या हैं?
डॉ अनिल कुमार ने कहा कि बच्चों को अक्सर पेट दर्द की शिकायत रहती है। बच्चों में पेट दर्द का एक प्रमुख कारण आंतों का संक्रमण है जो ज्यादातर आंतों के परजीवियों जैसे कीड़े के कारण होता है। कीड़े आंतों में रहते हैं और आपके बच्चे का पोषण खा जाते हैं। विभिन्न प्रकार के आंतों के कीड़े हैं जो कृमि संक्रमण का कारण बन सकते हैं, लेकिन सबसे आम हैं टेपवर्म, राउंडवॉर्म, पिनवर्म या थ्रेडवर्म और हुकवर्म। बच्चों में कृमि संक्रमण और उससे जुड़े संक्रमण आम हैं और इनका इलाज भी आसानी से हो जाता है।
कृमि संक्रमण क्यों होता है :
कृमि संक्रमण सबसे आम तौर पर कृमि के अंडों के गुदा से मुंह में जाने से फैलता है। कृमि के अंडे अक्सर संक्रमित व्यक्ति के नाखूनों के नीचे पाए जाते हैं, जिसने गुदा के आस-पास के क्षेत्र को खरोंचा है। जब संक्रमित व्यक्ति भोजन को संभालने या खाने के लिए अपनी दूषित उंगलियों का उपयोग करता है, तो कृमि के अंडे अप्रत्यक्ष रूप से गुदा से मुंह में स्थानांतरित हो जाते हैं।इस मौके पर डॉ अनिल कुमार, लायंस शैलेन्द्र कुमार सिंह, रणजीत भगत, ज्योति कुमारी, ऋतू ठाकुर, ममता कुमारी, कुमारी कल्पना, शिशिर श्रीवास्तव, संदीप शर्मा, सुरभी कुमारी, साबिया कामाल, जयंत शर्मा, अनिशा कुमारी, काजल कुमारी, ब्रजेश कुमार मौजूद थे।
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