छपरा

अब छपरा जंक्शन बनेगा मॉडल स्टेशन, एयरपोर्ट जैसी मिलेगी सुविधाएं

छपरा। रेलवे देश की धड़कन है। रोजाना लाखों लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में इसका अहम रोल होता है। हालांकि, देश में बढ़ रहे शहरीकरण, मिडिल क्लास की डिमांड और पर्यटन के प्रति बढ़ते रुझान ने रेलवे को भी बदलाव की दौड़ में शामिल कर दिया है।  वंदे भारत जैसी ट्रेनों ने रेल यात्रियों का एहसास बदल कर रख दिया है। इन शानदार ट्रेनों के साथ ही अब स्टेशनों को भी वर्ल्ड क्लास बनाने पर जोर दिया जा रहा है।  ऐसी ही एक योजना है अमृत भारत स्टेशन स्कीम इस योजना के तहत स्टेशनों को बदलने की प्रक्रिया जारी है।

मॉडल बनेगा छपरा जंक्शन:

पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन की तस्वीर अब बदलने वाली है। वाराणसी मंडल का ए-वन श्रेणी का छपरा जंक्शन अब मॉडल स्टेशन बनेगा। इसको लेकर रेलवे की ओर से पहल शुरू कर दी गयी है। रेलवे द्वारा अमृत स्टेशन योजना के तहत छपरा जंक्शन का चयन किया गया है। इस योजना के तहत स्टेशन का पुर्नविकास किया जायेगा।

हाल ही में भारतीय रेलवे के रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई है। इस योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है। इसमें मास्टर प्लान तैयार करना और उन्हें चरणों में लागू करना शामिल है, ताकि स्टेशनों पर सुविधाओं में सुधार हो सके जैसे कि स्टेशन तक पहुँच में सुधार, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, आवश्यकतानुसार लिफ्ट- एस्केलेटर, साफ-सफाई, मुफ्त वाई-फाई, ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, कार्यकारी लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए नामित स्थान, भूनिर्माण आदि। प्रत्येक स्टेशन पर आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए।

इस योजना में भवन में सुधार, स्टेशन को शहर के दोनों ओर एकीकृत करना, मल्टीमॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान, गिट्टी रहित पटरियों का प्रावधान, आवश्यकतानुसार ‘रूफ प्लाजा’, चरणबद्ध और व्यवहार्यता और दीर्घावधि में स्टेशन पर सिटी सेंटर का निर्माण शामिल है।

क्या बदलाव होने हैं स्टेशनों पर 

इस योजना के तहत यात्रियों को साफ और हायजेनिक वेटिंग एरिया, रेस्टरूम बनाए जाने हैं साथ ही खाने-पीने के अच्छे स्टॉल भी लगाए जाने हैं। यात्रियों और गाड़ियों के आने और जाने के लिए अलग-अलग पॉइंट बनाए जाएंगे। रोड चौड़ी होंगी और पर्याप्त पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। रेलवे स्टेशनों को बस, टैक्सी और ऑटो रिक्शा स्टैंड से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा यात्रियों के निर्देश स्पष्ट और कई भाषाओं में लिखे जाएंगे। प्रकाश की व्यवस्था और उपकरणों के लिए वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोतों का इस्तेमाल किया जाएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग और हरियाली के इंतजाम भी किए जाएंगे। इसके अलावा कई तरह की सुविधाएं भी स्टेशनों पर मिलेंगी।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button