
छपरा: कार्मिकों का प्रशिक्षण चुनाव प्रक्रिया का मुख्य आधार है. स्मूथ और पारदर्शी चुनाव में इसकी अहम भूमिका है. उक्त बातें उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल ने ट्रेनर ऑफ मास्टर ट्रेनर की विशेष कार्यशाला में कहीं. उन्होंने माइक्रो लेवल की ट्रेनिंग का संचालन करते हुए डिस्कशन विधि को अपनाया.
उन्होंने बिन्दुवार परिचर्चा के माध्यम से कार्मिकों की ट्रेनिंग को डिजाईन करने की जरूरत जतायी. श्री एकबाल ने कहा कि प्रशिक्षण बोरिंग बिल्कुल नहीं होना चाहिए. उतनी ही बातें की जानी चाहिए जो आवश्यक और महत्वपूर्ण हैं. अधिक भाषणबाज़ी या ज्ञान देने से परहेज किया जाना चाहिए.




विभिन्न प्रकार की गतिविधि को शामिल कर इसे रूचिकर बनाया जाना चाहिए. अधिक समय विभिन्न प्रकार के प्रपत्र भरने और इवीएम के संचालन को सिखाने में देना होगा. श्री एकबाल ने ट्रेनिंग के समय को अलग अलग खण्डों में विभक्त कर वार्ता, प्रश्नोत्तरी, पुनरावृत्ति को भी उपादान के रूप में शामिल करने को कहा. उन्होंने नियुक्ति पत्र प्राप्त होने से लेकर इवीएम जमा करने तक के कार्यों को स्टेपवार सामने रखते हुए कहां जोर देना है और कहां केवल जानकारी देते हुए आगे निकलना है.
उन बिंदुओं को इंगित किया. कार्मिकों को प्रशिक्षण के दौरान दी जाने वाली हस्त पुस्तिका के साथ ही अहम कार्यों और बिंदुओं का एक या दो पन्ने का बुलेट पॉइंट देने. डूज और डांट्स के साथ इवीएम में आने वाली त्रुटियों के निराकरण की सूची मास्टर ट्रेनर को स्वंय कंठस्थ करते हुए कर्मियों को सिखाने को कहा.
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण कोषांग को सामग्री कोषांग से समन्वय स्थापित कर प्रपत्र और सामग्री की सूची को अपडेट करना होगा. साथ ही डिस्पैच और रिसीविंग कर्मियों से भी समन्वयन स्थापित करना होगा. ताकि मतदान कर्मियों को परेशानी से बचाया जा सके. उन्होंने सभी प्रशिक्षकों को कार्मिक प्रशिक्षण के पूर्व मास्टर ट्रेनरों को छोटे-छोटे ग्रूप में उन्मुखिकरण आयोजित करने की सलाह दी ताकि प्रशिक्षण की एकरूपता बरकरार रहे.
प्रशिक्षण में मंटू कुमार, रामाधार कुमार, विनय कुमार तिवारी, संतोष कुमार, शुभनारायण ओझा, कृष्णानंद प्रसाद, नागेंद्र कुमार मिश्र, अंसार आलम, सुशील कुमार, व्यास कुमार आदि मौजूद थे.
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