सैनिक सम्मान के साथ शहीद धनंजय का शव पहुंचा गांव, पत्नी बोली – मैं सेना में शामिल होकर देश सेवा करूंगी

छपरा
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छपरा।सारण जिले के बनियापुर प्रखंड के बलुआ कवाल छपरा गाव में शहीद धनन्जय का शव आते गांव गमगीन हो गया। भारत माता की जय और जबतब सूरज चाँद रहेगा धनंजय तेरा नाम रहेगा कि गूंज से छाई रही। बनियापुर प्रखंड के बलुआ गाँव निवासी प्रदुमन सिंह के पुत्र धनंजय कुमार सिंह इंडियन आर्मी में नायक के पद पर तैनात थे। 6 माह पहले ही संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में सेवा देने के लिए अफ्रिका के कांगो में गए थे और अगले मार्च में उन्हें अपने वतन लौटना था। लेकिन इसी बीच 2 नवंबर को सुबह 4 बजे धनंजय कुमार सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई और इसके साथ ही 6 साल पहले दुल्हन बनी खुशबू का सुहाग उजड़ गया। और उसके जीने का सहारा भी खत्म हो गया।

आज सैनिक सम्मान के साथ जब धनंजय का शव गाव पहुचा तो नगरा से लेकर खाकी मठिया, बटराहा बाजार पर युवाओं ने जगह जगह तोरण बना कर शव का स्वागत किया और तिरंगा यात्रा निकाल अपने साथी का स्वागत किया। पटना से आये आर्मी की टीम ने दरवाजे पर ही राष्ट्रीय सम्मान दे कर सबसे पहले पत्नी खुश्बू ने जब अपने पति को चक्र चढ़ा तो पूरा माहौल गमगीन हो गया, खुश्बू के सास ससुर कोई नही है बस एक छोटा देवर रणंजय और वो गाव में रहती थी।

बच्चे भी नही है शव को सलामी के बाद फफक कर रो पड़ी धनन्यज के बेवा ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र शांति सेवा में दक्षिण अफ्रीका में मृत आर्मी के जवान धन्नजय की पत्नी खुश्बू ने कहा पति के बाद दुनिया मे है अकेली,राष्ट्र सेवा में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहती हु , छोटे भाई रणंजय ने भी कहा पिता माता सब भैया थे राष्ट्र सेवा में अपनी जान गवाने वाले भैया के मौत पर दुःख है पर गर्व है कि मेरा भाई देश के लिए शहीद हुए है, और मुझे मौका मिले तो मैं भी देश सेवा करूंगा, सारण जिले के इंडियन आर्मी में नायक के पद पर तैनात धनंजय कुमार सिंह की पत्नी खुशबू सिंह के मोबाइल की घंटी 2 नवंबर को अहले सुबह 4.30- 5 बजे बजती है। फोन उठाने पर आर्मी के तरफ से बताया जाता है कि उनके पति धनंजय कुमार सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे तो खुशबू का तो मानो संसार ही उजड़ गया।

वे अवाक होकर गिर पड़ीं, बेहद ही मिलनसार स्वभाव के धनंजय की मौत की खबर सुनकर गाँव वालों को यकीन ही नहीं हो पा रहा था कि अचानक भगवान ने ये सब क्यों कर दिया। आज शव आते ही गाव गमगीन हो गया, सिक्ख बटालियन के लोगो ने उन्हें ससम्मान अंतिम बिदाई दी, घर-परिवार के साथ साथ गाँव वाले भी अब धनंजय के पार्थिव शरीर आने का बाट जोह रहे थे।

आज शव आने के साथ ही भारत माता की जय,शाहिद धनंजय अमर रहे के नारों के साथ शव के सम्मान में जगह जगह तिरंगा दिख रहा संयुक्त राष्ट्र शांति सेवा में दक्षिण अफ्रीका में मृत आर्मी के जवान धन्नजय की पत्नी खुश्बू ने कहा पति के बाद दुनिया मे है अकेली,राष्ट्र सेवा में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहती हु , छोटे भाई रणंजय ने भी कहा पिता माता सब भैया थे राष्ट्र सेवा में अपनी जान गवाने वाले भैया के मौत पर दुःख है पर गर्व है कि मेरा भाई देश के लिए शहीद हुए है, और मुझे मौका मिले तो मैं भी देश सेवा करूंगा।