छत्तीसगढ़ के गढ़वा जिले में एक बुढ़िया मर गई। हर कोई मानता था कि वह अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनका दाह संस्कार बिहार में बेगूसराय में होना था। रास्ते में ही बिहार की सीमा पर पहुंचते ही उसमें जान आनी शुरू हो गई। महिला फिलहाल बेगूसराय सदर अस्पताल में इलाज कराई जा रही है, जहां वे अभी वेंटीलेटर पर हैं। चिकित्सकों ने छत्तीसगढ़ में मृत घोषित की गई महिला को भी चमत्कार बताया है। बिहार की सीमा पर पहुंचते ही उसमें जीवन कैसे आया? यह चिकित्सा क्षेत्र में भी एक चमत्कार है।
क्या है पूरा मामला?- बेगूसराय जिले के नीमा चांदपुरा की रहने वाली रामवती देवी कुछ दिन पूर्व अपने पुत्र मुरारी साव एवं घनस्याम साव के साथ छत्तीसगढ़ भ्रमण के लिए गई थीं. छत्तीसगढ़ राज्य के गढ़वा जिले में मृत महिला रामवती देवी के परिजन रहते थे. लेकिन, 11 फरवरी को अचानक रामवती देवी की तबीयत खराब हुई. तत्पश्चात परिजनों ने उन्हें छत्तीसगढ़ के ही एक निजी नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती कराया, जहां इलाज के क्रम में महिला की मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों ने आपस में विचार विमर्श के बाद महिला रामवती देवी को घर लाने का एवं घर पर ही दाह संस्कार करने का निर्णय लिया.
18 घंटे बाद वृद्ध महिला में वापस आई जान!
इसके बाद परिजन एक निजी वाहन से रामवती देवी को लेकर बिहार के लिए रवाना हो गए. लेकिन, तकरीबन 18 घंटे गुजर जाने के बाद जैसे ही रामवती देवी बिहार की सीमा में प्रवेश किया तो परिजनों के अनुसार, औरंगाबाद के समीप परिजनों ने रामवती देवी के शरीर में कुछ हलचल महसूस की. तत्पश्चात उन्हें लेकर परिजन बेगूसराय सदर अस्पताल आए, जहां जांच के क्रम में चिकित्सकों ने भी माना की रामवती देवी में अभी भी जान बाकी है. इसके बाद आनन-फानन में उन्हें आईसीयू में इलाज के लिए एडमिट किया गया. फिलहाल महिला का इलाज चल रहा है.
वृद्धा की जान लौटना क्या चमत्कार है?
एक तरफ परिजन जहां रामवती देवी के पुनर्जीवित होने से खुश हैं तो वहीं पर परिजनों के द्वारा चिकित्सकों से गुहार लगाई जा रही है की रामवती देवी की बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की जाए जिससे कि उनमें जल्द सुधार हो. वहीं, सदर अस्पताल के चिकित्सक भी उक्त मामले को चमत्कार की संज्ञा देते हैं. चिकित्सक कहते हैं कि रामवती देवी का 12 फरवरी को मौत हो जाना और फिर 13 फरवरी को तकरीबन 18 घंटे के बाद उनके शरीर में जान आना, किसी चमत्कार से कम नहीं है.
हालांकि, चिकित्सकों ने अनुमान लगाया है कि छत्तीसगढ़ के गढ़वा में रामवती देवी का हार्ट चॉक होने की वजह से चिकित्सकों ने उन्हें वहां मृत घोषित कर दिया होगा, लेकिन रास्ते में गाड़ी में हुए झटके की वजह से उनके शरीर में हलचल होनी शुरू हुई. फिलहाल उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. चिकित्सकों ने भी माना है कि आगे रामवती देवी का जो भी हो, लेकिन फिलहाल रामवती देवी में बेहतर सुधार दर्ज किये जा रहे हैं और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है. सदर अस्पताल के डॉक्टर कृष्ण कुमार ने कहा है कि उनकी चिकित्सा में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है.
बहरहाल, अब अब इसे इलाज में चूक मानें या दैवीय चमत्कार या और कुछ… लेकिन जिस तरह से एक मृत महिला को उसके परिजन जहां दाह संस्कार के लिए ले जा रहे थे और एकाएक अपनी जन्मभूमि पर पहुंचने के बाद जिस तरह जानलौट आई है वह हर किसी को हैरान कर रहा है.