यह विषय वैज्ञानिकों को शुरू से ही आकर्षित करता रहा है कि पृथ्वी पर जीवन कहां से आया। यह कई सिद्धांतों का विषय है। कुछ लोगों का कहना है कि जीवन बनाने वाले तत्व पृथ्वी पर ही पनपे थे, तो कुछ लोगों का कहना है कि वे बाहर से आए थे। यह एक लंबी बहस का विषय रहा है। हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन ने इस विषय को फिर से आकर्षित किया है। इसमें कहा गया है कि पृथ्वी पर एक ज्वालामुखी ने उत्पन्न की गई बिजली ने जीवन को बनाया था।
ज्यादातर अध्ययनों में साझा किया गया है कि पृथ्वी पर जीवन के पनपने की शुरुआत प्रोटीन बनाने वाले अमीनो एसिड से हुई थी, इसलिए अब सवाल है कि ये अमीनो एसिड कहां से आए? क्या ये बाहर से पृथ्वी पर आए या फिर यहीं पर किसी तरह से बनाए गए?
अमीनो एसिड, जो जीवन के निर्माण के लिए आवश्यक हैं, के बारे में कई दावे किए गए हैं। पहले भी पता चला कि ये तत्व वायुमंडल में बिजली बनाते थे। लेकिन वर्तमान अध्ययन कहता है कि पृथ्वी के ज्वालामुखी से उत्पन्न होने वाली बिजली भी इसका कारण थी।
इस अध्ययन में विश्व भर से भूगर्भशास्त्री, वैज्ञानिक, खनिज विशेषज्ञ और एक्सपर्ट शामिल थे। जिन्होंने पता लगाया है कि ज्वालामुखी की बिजली से भी वायुमंडल का नाइट्रोजन पृथ्वी पर जीवन के लिए आवश्यक पदार्थों का उत्पादन हुआ। यहां गौर करने वाली बात यह है कि नाइट्रोजन अमीनो एसिड का सबसे बड़ा घटक है।
नाइट्रोजन वायुमंडल में भारी मात्रा में मौजूद है, लेकिन यह ऐसे तत्व नहीं बना सकता जिनका पौधे उपयोग कर सकते हैं। पौधे नाइट्रोजन को फिक्स करके इस्तेमाल करते हैं। नाइट्रोजन फिक्सिंग में नाइट्रोजन के अणु काई अमोनिया या बैक्टीरिया बन जाते हैं। लेकिन ये जीव बहुत बाद में आए थे। यही कारण था कि जीवन से पहले नाइट्रोजन के पदार्थ कैसे बनते थे। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेस के प्रोसिडिंग्स पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा कि ज्वालामुखी की बिजली से नाइट्रोजन बनाया जा सकता था।