
MUZAFFARPUR: मुजफ्फपुर में एक भयानक मामला सामने आया है। जहां जीजा को अपनी ही साली से बात करना मुश्किल हो गया। मामला स्थानीय अदालत में है। साली से बात करने पर पुलिम ने जीजा के घर पर भी छापा मारा। अब जीजा भी गिरफ्तारी का खतरा मंडराने लगा था। तब जीजा अग्रिम जमानत की मांग करके कोर्ट पहुंचा। जीजा ने अदालत में अग्रिम जमानत की मांग की क्योंकि उसे गिरफ्तारी की आशंका थी।
वहीं, साली और जीजा की के वकीलों की दलीलों को सुनते हुए कोर्ट ने स्वीकार किया कि एक दूसरे से बातचीत करना गैरकानूनी था। साथ ही, कोर्ट ने इस मामले में जीजा को जमानत भी दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुजफ्फरपुर के पारू थाना क्षेत्र के दाऊदपुर निवासी खैरुन खातून की पत्नी जैनव खातून को दो वर्ष पहले अपहरण कर लिया गया था।




खैरुन खातून ने इस संबंध में पारू थाने में अपहरण की धारा में प्राथमिकी दी। पुलिस ने इसके बाद जांच शुरू की। पुलिस जांच के दौरान जैनव खातून के मोबाइल पर आरती कुमारी और मोहम्मद आलम का फोन आया था। घटना के बाद से जैनव खातून ने अपना मोबाइल बंद कर दिया है। आलम का फोन नंबर सामने आने के बाद पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी की। पुलिस उसे गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही थी तब आलम ने कोर्ट में अग्रिम जमानत की मांग की। उसकी याचिका जिला अदालत में विचाराधीन हुई।
जैनब खातून के जीजा आलम के वकील एसके झा ने भी सुनवाई के दौरान कोर्ट को दलीलें दीं। मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा, आलम के वकील, ने बहस के दौरान कहा कि जीजा और साली के बीच हुई बातचीत मानव का अधिकार था, न कि कोई जुर्म। जीजा साली से बात कर सकती है और साली भी जीजा से बात कर सकती है। वहीं इस मामले में कोर्ट ने कहा कि सिर्फ बातचीत जुर्म नहीं साबित करती है। वहीं आवेदक आलम को अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एडीजे आठ के न्यायालय ने जमानत दे दी। कानून की सूचिका खैरुन खातून भी सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित थी।
