छपरा। सारण जिले के मशरक प्रखंड क्षेत्र के सभी सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे छात्रों को सरकार के द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के तहत पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराएं जाने का दावा किया जा रहा है। लेकिन विधालयो में स्थित बिल्कुल उलट है क्यों कि छात्रों को एनजीओ खुलेआम घटिया भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके पूर्व विधालय में ही मध्याह्न भोजन रसोईया बनाती थी, अब एनजीओ यह कार्य कर रही है ।
लेकिन एनजीओ के भोजन के स्वाद और गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं मशरक के उत्क्रमित मध्य विद्यालय देवरिया में मंगलवार को रद्दी खाना खाने से इंकार कर दिया। वही और भी सरकारी विद्यालयों में बच्चे भोजन करने से इंकार कर रहे हैं।
विधालय में बच्चों ने भोजन खाने से इंकार किया और आक्रोश जाहिर किया। मौके पर पहुंचे प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष अजीत सिंह ने बच्चों को समझा बुझाकर कर शांत कराया और शिकायत दर्ज कराने की बात बताई।
बच्चों ने बताया कि पहले ताजा और गर्म भोजन करते थें लेकिन अब ठंडा और रद्दी क्वालिटी का भोजन करने को मजबूर हैं। मौके पर प्रखंड मुखिया संघ अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि ठंडा और रद्दी भोजन करने से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य सहित शारीरिक विकास पर असर पड़ेगा। उन्होंने जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करने की मांग की।
विधालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि एनजीओ के द्वारा सुबह में ही खाना बनाकर विधालय खुलते ही रद्दी खाना पहुंचा दिया जा रहा है जिंससे बच्चों के खाने के समय पर रद्दी खाना ठंडा हो जा रहा है और बच्चे खानें से इंकार कर रहे हैं या खाना लेकर चखकर फेक दे रहें हैं।
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