Railway UpdateTechnology

भारतीय रेलवे की बड़ी छलांग! 18 गुना बढ़ा एलएचबी कोच उत्पादन, यात्रियों को बड़ा फायदा

यात्रियों को मिला सुरक्षित और आरामदायक सफर

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने यात्री परिवहन के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए पिछले 11 वर्षों में 42,600 से अधिक लिंके हॉफमैन बुश (LHB) कोचों का निर्माण किया है। एलएचबी कोच आधुनिक तकनीक से युक्त हैं, जो यात्रियों को बेहतर सुरक्षा, अधिक आराम और सुगम यात्रा अनुभव प्रदान करते हैं। साथ ही, इन कोचों से रेल परिचालन भी अधिक कुशल और विश्वसनीय हुआ है।

रेल मंत्रालय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष 2025–26 (नवंबर 2025 तक) के दौरान कुल 4,224 से अधिक एलएचबी कोचों का निर्माण किया गया है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में बने 3,590 कोचों की तुलना में लगभग 18 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। उत्पादन में यह बढ़ोतरी रेलवे की विनिर्माण क्षमता के सुदृढ़ीकरण, बेहतर योजना और आधुनिक उत्पादन प्रक्रियाओं का प्रतिफल है।

कारखानेवार उल्लेखनीय प्रदर्शन

एलएचबी कोच निर्माण में देश की प्रमुख रेल फैक्ट्रियों का अहम योगदान रहा है।

  • इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई ने 1,659 एलएचबी कोचों का निर्माण किया।
  • मॉडर्न कोच फैक्ट्री (MCF), रायबरेली ने 1,234 कोचों का उत्पादन किया।
  • रेल कोच फैक्ट्री (RCF), कपूरथला ने 1,331 एलएचबी कोच तैयार किए।

इन तीनों फैक्ट्रियों के संयुक्त प्रयासों से एलएचबी कोचों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

दीर्घकालिक प्रगति के आंकड़े

यदि दीर्घकालिक तुलना की जाए तो भारतीय रेलवे की प्रगति और भी स्पष्ट दिखाई देती है। 2004 से 2014 के बीच जहां केवल 2,300 एलएचबी कोचों का निर्माण हुआ था, वहीं 2014 से 2025 के बीच यह संख्या बढ़कर 42,600 से अधिक हो गई है। यह लगभग 18 गुना वृद्धि रेलवे के उस संकल्प को दर्शाती है, जिसके तहत पारंपरिक आईसीएफ कोचों के स्थान पर आधुनिक, सुरक्षित और कम रखरखाव वाले एलएचबी कोचों को तेजी से अपनाया जा रहा है।

‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ को मजबूती

एलएचबी कोचों के स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देकर भारतीय रेलवे ने आयात पर निर्भरता को काफी हद तक कम किया है। इससे न केवल देश की घरेलू विनिर्माण क्षमता मजबूत हुई है, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी राष्ट्रीय पहलों को भी मजबूती मिली है।

रेलवे का कहना है कि भविष्य में भी उत्पादन क्षमता को और बढ़ाया जाएगा, ताकि देश की बढ़ती परिवहन आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। इसका उद्देश्य यात्रियों को अधिक सुरक्षित, सुगम और आरामदायक रेल यात्रा उपलब्ध कराना है।

भारतीय रेलवे का यह कदम न केवल यात्री सुविधाओं के विस्तार की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहा है, बल्कि देश की आधुनिक परिवहन व्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button
close