
पटना। आम लोगों को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ऑनलाइन सेवाएं सुगमता से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों के पास पत्र भेजकर कॉमन सर्विस सेंटर (सीएसएसी) द्वारा चयनित वीएलई (विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर) के लिए अंचल कार्यालयों में उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। ताकि आमलोगों को ऑनलाइन सेवाएं शीघ्र मिल सकें।
सभी राजस्व सेवाएं ऑनलाइन
विदित हो कि विभाग द्वारा सभी राजस्व सेवाएं ऑनलाइन कर दी गई हैं। बावजूद अधिकांश लोग जमीन संबंधी जानकारी तथा डिजिटल साक्षरता के आभाव में आज भी ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाने में असमर्थ हैं और वे सीधे सेवा लेने अंचल कार्यालय पहुंच जाते हैं।
ऐसे नागरिकों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक अंचल कार्यालय में सीएससी का एक चयनित वीएलई बैठकर उनके ऑनलाइन से संबंधित कार्यों में सहायता करेगा। इसके लिए अंचलों को केवल बैठने की जगह उपलब्ध करानी है, जबकि कंप्यूटर, लैपटॉप सहित अन्य आवश्यक उपकरण सीएससी उपलब्ध कराएगी। ये वीएलई चयनित दर पर आमलोगों को दाखिल-खारिज, परिमार्जन इत्यादि सभी सेवायें उपलब्ध करायेंगे, साथ ही लोगों के लिये विभाग के सलाहकार के रूप में भी कार्य करेंगे।
दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि चयनित वीएलई को राजस्व सेवाओं एवं विभागीय प्रक्रियाओं की समझ विकसित कराने के लिए दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 3 नवंबर 2025 से शुरू किया गया है। दिसंबर माह के अंत तक राज्य के सभी 537 अंचलों के वीएलई को प्रशिक्षित कर दिया जाएगा।
उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि पूर्व में पत्र निर्गत किए जाने के बावजूद अधिकांश अंचलों में अब तक वीएलई के बैठने के लिए स्थान निर्धारित नहीं किया गया है। इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी वरीय पदाधिकारी को विशेष दायित्व देते हुए एक सप्ताह के भीतर सभी अंचलों में उपयुक्त स्थल चिन्हित कर आवंटित कर दिया जाए। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि यह स्थान ऐसा होना चाहिए जहां आने वाले नागरिकों को वीएलई आसानी से दिखाई दें और सेवाओं का सहज लाभ ले सकें।



