सारण में दर्दनाक हादसा, पोखर में डूबने से एक हीं परिवार के 4 मासूमों की मौत
स्नान करने गए थे सभी बच्चें

छपरा। जिले के गड़खा थाना क्षेत्र में मंगलवार को हुए एक हृदय विदारक हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। फुर्सतपुर चंवर स्थित एक पोखर में नहाने गए चार मासूम बच्चों की डूबने से मौत हो गई। मृतक सभी बच्चे आपस में रिश्तेदार थे और एक ही परिवार से जुड़े थे। घटना की खबर फैलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया और मातमी सन्नाटा छा गया।
ऐसे हुआ हादसा
मामला मकिनपुर पंचायत के मरिचा ठिकहा गांव का है। मंगलवार की दोपहर चारों बच्चे पोखर में नहाने गए थे। इसी दौरान वे गहरे पानी में चले गए और बाहर निकलने की कोशिश में एक-एक कर पोखर में डूब गए। जब तक आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे, तब तक चारों मासूमों की सांसें थम चुकी थीं।
मृतकों की पहचान
मृतक बच्चों की पहचान इस प्रकार हुई है।
- आशिष कुमार (14 वर्ष), पिता – दरोगा सिंह
- मुन्ना कुमार (11 वर्ष), पिता – मंशी लाल सिंह
- अंकुश कुमार (11 वर्ष)
- कृष्णा उर्फ करिमन कुमार (13 वर्ष), पिता – मैनेजर सिंह
चारों बच्चे आपस में घनिष्ठ पारिवारिक रिश्ते से जुड़े हुए थे। उनकी असमय मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
हादसे की जानकारी मिलते ही गड़खा थानाध्यक्ष शशि रंजन कुमार और सीओ नीली यादव पुलिस बल एवं गोताखोरों के साथ मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों की मदद से घंटों मशक्कत के बाद चारों बच्चों के शवों को पोखर से बाहर निकाला गया। पुलिस ने आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शवों को पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल भेज दिया।
गांव में मातम का माहौल
घटना की खबर सुनते ही गांव के सैकड़ों लोग घटनास्थल पर उमड़ पड़े। शवों को देखते ही स्वजन फफक पड़े। अपने लालों को खोने के गम में परिवार के लोग बार-बार बेहोश हो रहे थे। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। हर कोई परिजनों को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इस दर्दनाक हादसे से लोग गहरे सदमे में हैं।
ग्रामीणों की अपील
ग्रामीणों ने प्रशासन से ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षा इंतज़ाम करने की मांग की है। उनका कहना है कि गर्मी और बारिश के दिनों में बच्चे पोखरों और तालाबों में स्नान करने जाते हैं, ऐसे में गहरे पानी में डूबने की आशंका बनी रहती है। यदि प्रशासन की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जाए और पोखरों के किनारों पर सुरक्षा उपाय किए जाएं तो भविष्य में ऐसी त्रासदी से बचा जा सकता है।