बिहार

Cyber Crime: बिहार में बनेगा स्पेशल सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर, 14.74 करोड़ से होगा साइबर अपराध पर वार

विधायक खरीद-फरोख्त कांड: अब तक 2 एमएलए और 9 अंगरक्षकों से पूछताछ

पटना। राज्य में तेजी से बढ़ते साइबर अपराधों पर नकेल कसने और सरकारी तंत्र को इसके प्रकोप से सुरक्षित करने के लिए एक विशेष केंद्र की स्थापना होने जा रही है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के अंतर्गत इस सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (एसओसी) को चरणवद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। फिलहाल गृह विभाग के स्तर से इसके लिए 14 करोड़ 74 लाख रुपये जारी किए गए हैं। यह जानकारी एडीजी (ईओयू) नैयर हसनैन खान ने पुलिस मुख्यालय सरदार पटेल भवन के सभागार में गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में दी।

एडीजी ने कहा कि साइबर अपराध की रोकथाम और साइबर सुरक्षा से संबंधित सभी पहलुओं पर त्वरित एवं ठोस कार्रवाई लगातार की जा रही है। इसे अधिक प्रभावी तरीके से करने के साथ ही साइबर अपराध से जुड़े मामलों का निष्पादन तेजी से करने में भी इस केंद्र की भूमिका बेहद अहम होगी। इसके लिए फिलहाल कई खास किस्म के अत्याधुनिक एवं उन्नत तकनीक वाले सॉफ्टवेयर समेत अन्य तरह के उपकरणों की खरीद की जाएगी।

यू-ट्यूब और गूगल से ली फर्जीवाड़ा की ट्रेनिंग

एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि हाल तीन साइबर अपराधियों रामप्रवेश कुमार, विकास कुमार और मिथिलेश कुमार की गिरफ्तारी मधेपुरा से की गई है। ये तीनों जिले के रतवारा थाना के कपसिया गांव के रहने वाले हैं। इनसे पूछताछ में यह बात सामने आई कि इन्होंने यू-ट्यूब और गूगल से साइबर फर्जीवाड़ा सीखा है। आधार डेटा और बॉयोमेट्रिक अपलोड के अलावा आधार सत्यापन से संबंधित सॉफ्टवेयर को लैपटॉप पर इंस्टाल करके इनकी मदद से आधार की वेबसाइट यूआईडीएआई से लोगों के बॉयोमेट्रिक डाटा की चोरी कर लेते थे।

दूसरे लोगों के बॉयोमेट्रिक डेटा को फिंगर प्रिंट सिलिकॉन में बनवाकर इनका दुरुपयोग करके साइबर ठगी करते थे। इससे संबंधित मामला ईओयू में दर्ज कर आगे की जांच चल रही है। एडीजी ने कहा कि इस बात की गंभीरता से जांच चल रही है कि आखिर यू-ट्यूल और गूगल में इस तरह के कंटेंट कैसे मौजूद हैं। अगर हैं, तो क्या-क्या हैं। इसके लिए केंद्रीय एजेंसी, सीडैक समेत अन्य के साथ समन्वय स्थापित कर समुचित जांच की जा रही है।

दो भ्रष्ट लोकसेवकों पर हुई कार्रवाई

एडीजी ने कहा कि ईओयू की तरफ से दो भ्रष्ट लोकसेवकों भागलपुर के जिला अवर निबंधक विनय सौरभ और ग्रामीण कार्य विभाग में मधुबनी अंचल के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार राय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में कार्रवाई की गई है। विनय सौरभ के खिलाफ वास्तविक आय से 188 प्रतिशत और विनोद कुमार राय के खिलाफ 69.35 प्रतिशत अधिक की अवैध संपत्ति का खुलासा हो चुका है। विनोद कुमार राय के आवास से बड़ी संख्या में भारतीय करेंसी प्राप्त हुए थे। साथ ही बड़ी संख्या में जले हुए नोट भी बरामद हुए थे। इस आरोप में विनोद राय को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जबकि, उनकी पत्नी बबली राय की गिरफ्तारी के लिए तलाश जारी है।

विधायक खरीद-फरोख्त मामले में दो एमएलए से हुई पूछताछ

उन्होंने कहा कि विधायक खरीद-फरोख्त मामले में अब तक दो विधायकों भागीरथी देवी और दिलीप राय को ईओयू में बुलाकर पूछताछ हो चुकी है। अभ तक 5 विधायक, 6 राजनैतिक कार्यकर्ता या निजी व्यक्ति और 9 विधायकों के अंगरक्षक से पूछताछ हो चुकी है। मामले की फिलहाल जांच जारी है। इस प्रेस वार्ता के दौरान डीआईजी (साइबर) संजय कुमार सिंह भी मौजूद थे।

News Desk

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