
छपरा। जिले के स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने छपरा सदर अस्पताल में 23 करोड़ की लागत से 50 बेड का अत्याधुनिक क्रिटिकल केयर यूनिट (CCU) स्थापित करने की स्वीकृति दे दी है। इस पहल से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को समय पर उन्नत चिकित्सा सुविधा मिलेगी और उन्हें पटना या अन्य बड़े शहरों के अस्पतालों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा।
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अभी तक छपरा सदर अस्पताल में सीसीयू की सुविधा नहीं होने के कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, गंभीर संक्रमण, सांस लेने में परेशानी या बड़े ऑपरेशन के बाद की जटिल स्थितियों में मरीजों को रेफर करना पड़ता था। इससे मरीजों के परिजनों पर आर्थिक और मानसिक दबाव बढ़ता था, वहीं समय पर इलाज न मिलने से कई बार मरीजों की जान भी खतरे में पड़ जाती थी।
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आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा यूनिट
इस 50 बेड वाले क्रिटिकल केयर यूनिट में वेंटिलेटर, मॉनिटर, डिफाइब्रिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यूनिट को सामान्य वार्ड से अलग रखा जाएगा ताकि गंभीर मरीजों को बेहतर और निर्बाध उपचार मिल सके। यहां 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सक और प्रशिक्षित पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती रहेगी, जिससे आपातकालीन स्थितियों में तुरंत इलाज संभव होगा।
इन बीमारियों का होगा इलाज
सीसीयू में हृदय रोग, स्ट्रोक, गंभीर संक्रमण, सांस लेने में दिक्कत और बड़े ऑपरेशन के बाद की निगरानी जैसे मामलों में मरीजों को गहन चिकित्सा प्रदान की जाएगी। अभी तक जिले में ट्रॉमा सेंटर की कमी के कारण सड़क हादसे, औद्योगिक दुर्घटनाएं या अन्य गंभीर चोट के मामलों में मरीजों को बाहर भेजना पड़ता था। नए सीसीयू से न केवल ट्रॉमा मरीजों को तुरंत इलाज मिलेगा बल्कि उनकी जान बचाने की संभावना भी कई गुना बढ़ जाएगी।
स्थानीय स्तर पर ट्रॉमा सुविधा को मजबूती
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि इस प्रकार की सुविधा की जरूरत लंबे समय से महसूस की जा रही थी। यूनिट के बनने से जिले में ट्रॉमा सेंटर की कमी काफी हद तक पूरी होगी और गंभीर मरीजों की जान बचाने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी।
विश्वस्तरीय गहन चिकित्सा सेवाएं जिला स्तर पर ही मिलें
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (BMSICL) द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि यूनिट के संचालन में आने के बाद मरीजों को विश्वस्तरीय गहन चिकित्सा सेवाएं जिला स्तर पर ही मिलें। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यूनिट में सभी उपकरणों की स्थापना और स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी।