

रेलवे डेस्क। भारतीय रेल में संरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त (सीसीआरएस) जनक कुमार गर्ग द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल अंतर्गत झूंसी-प्रयागराज रामबाग खंड में गंगा नदी पर बने नवनिर्मित मेजर ब्रिज सं-111 का गहन संरक्षा निरीक्षण किया गया।
सफल रहा स्पीड ट्रायल
निरीक्षण के अंत में मुख्य संरक्षा आयुक्त ने विशेष निरीक्षण ट्रेन से झूंसी से प्रयागराज रामबाग के बीच 1.93 किमी नवनिर्मित रेलखंड पर अधिकतम अनुमेय गति 70 किमी/घंटा से स्पीड ट्रायल का सफल परीक्षण किया।
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मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त ने कहा कि यह ब्रिज न केवल संरचनात्मक रूप से मजबूत है, बल्कि आधुनिक तकनीकों के आधार पर डिज़ाइन किया गया है जिससे ट्रेन संचालन और सुरक्षा को नई ऊंचाई मिलेगी। यह परियोजना पूर्वोत्तर रेलवे की इंजीनियरिंग क्षमता और संरक्षा मानकों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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निरीक्षण का मुख्य बिंदु
विशेषता | विवरण |
---|---|
ब्रिज नाम | मेजर ब्रिज सं-111 |
स्थान | गंगा नदी पर, झूंसी–प्रयागराज रामबाग खंड |
कुल लंबाई | 1,934.40 मीटर |
स्पैन की संख्या | 24 |
प्रत्येक स्पैन की लंबाई | 76.20 मीटर |
डिज़ाइन टाइप | ओपन वेब स्टील गर्डर आधारित वॉरेन ट्रस डिज़ाइन |
रेल लाइन व्यवस्था | दोहरी रेल लाइन |
लोकोमोटिव संचालन | डबल-हेडेड लोकोमोटिव के संचालन की जांच की गई |
निर्माण गुणवत्ता जांच | स्लीपर स्पेसिंग, ट्रैक्शन फिटिंग्स, फाउंडेशन, जंगरोधी निरीक्षण, स्पीड ट्रायल (70 किमी/घंटा) |
संरक्षा निरीक्षण के विशेष बिंदु:
- स्लीपर स्पेसिंग और फिटिंग्स की जाँच
- ट्रैक्शन फिटिंग्स की ऊँचाई का मापन
- ब्रिज के संरचनात्मक लचीलापन और मजबूती का आकलन
- ट्रैक फिटिंग्स पर जंग रोधी लुब्रिकेशन
- वाटर प्रेशर के अनुसार ब्रिज पिलर्स की स्थिति का मूल्यांकन
- ट्रैक्शन पोल की इलेक्ट्रिकल आइसोलेशन स्थिति
- ब्रिज पर मॉनसून अनुरक्षण योजना की समीक्षा
- शोर (Noise) स्तर का तकनीकी परीक्षण
अन्य संरचनाओं का भी किया निरीक्षण
वायडक्ट स्थान | संरचनात्मक विभाजन | कुल स्पैन की संख्या | प्रत्येक स्पैन की लंबाई (मीटर) | कुल लंबाई (मीटर) |
---|---|---|---|---|
दारागंज साइड | 1×37.2 + 19×30.5 + 2×24.4 | 22 | 37.2, 30.5, 24.4 | 872 |
झूंसी साइड | 6×24.4 | 6 | 24.4 | 146.4 |
निरीक्षण में शामिल रहे वरिष्ठ अधिकारी
इस अवसर पर उनके साथ मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक/आरवीएनएल विकास चंद्रा, मुख्य रेल पथ इंजीनियर आशुतोष मिश्र, रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), गोरखपुर मुख्यालय, तथा वाराणसी मंडल के वरिष्ठ अधिकारी व अभियंता भी उपस्थित थे।
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