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Railway Double Line Project: बिहार में यहां 2270 करोड़ की लागत से रेल लाइन का होगा दोहरीकरण, 200 गांवों को होगा लाभ

तिलैया से बख्तियारपुर 102 किमी रेल लाइन का होगा दोहरीकरण

रेलवे डेस्क। तिलैया-बख्तियारपुर रेलखंड के दोहरीकरण को लेकर अब अंतिम मुहर की तैयारी है। इस रेलखंड के 102 किमी सेक्शन को दोहरी लाइन में बदलने के लिए बनाई गई 2,270 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को रेल मंत्रालय को भेजा जा चुका है। अब इसे अंतिम स्वीकृति के लिए  नई दिल्ली में नेशनल प्लानिंग ग्रुप (NPG) की बैठक में रखा जाएगा। इस अहम बैठक में योजना से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी योजना को धरातल पर उतारने की दिशा में रणनीति तय करेंगे।

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परियोजना से जुड़ी प्रमुख बातें:

  • शीर्षकविवरण
    रेलखंडतिलैया से बख्तियारपुर (102 किमी)
    दोहरीकरण लागत₹2,270 करोड़
    लाभान्वित जिलेनालंदा, नवादा, पटना
    लाभान्वित गांवों की संख्यालगभग 200 गांव
    भूमि अधिग्रहण75 हेक्टेयर
    प्लेटफॉर्म विस्तार (बड़े स्टेशन)हरनौत, बिहारशरीफ, राजगीर – 1750 मीटर
    प्लेटफॉर्म विस्तार (अन्य स्टेशन)650 मीटर

प्रमुख लाभ:

  • एनटीपीसी बाढ़ को झारखंड से कोयला ढुलाई में होगी आसानी
  • पटना, नालंदा जिलों के यात्रियों को बेहतर रेल सुविधा
  • झारखंड से बिहार आने-जाने वालों को मिलेगा तेज व सीधा संपर्क

क्यों घटी 355 करोड़ रुपये की लागत?

इस बार की DPR में पहले की तुलना में 355 करोड़ रुपये घटा दिए गए हैं। इसके तहत आठ किलोमीटर लंबे तिलैया बाईपास के बीच हिसुआ रोड और नवादा रोड पर प्रस्तावित दो रेल ओवरब्रिज (ROB) और एक रेल ओवर रेल (ROR) निर्माण की अनुशंसा रद्द कर दी गई है।

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निर्माण योजना का भूगोल:

  • करनौती से हरनौत तक: लाइन के पश्चिम
  • हरनौत से राजगीर तक: पूरब दिशा
  • नटेसर से तिलैया तक: फिर से पूरब दिशा में ट्रैक निर्माण

स्टेशनों पर सुविधाएं:

  • सभी स्टेशनों/हॉल्ट पर पेयजल, शौचालय और यात्री शेड
  • 25 नए फुटओवर ब्रिज
  • कुल 31 गुमटियों को अंडरपास में बदला जाएगा
  • 17 बड़े और 264 छोटे पुल-पुलियों का निर्माण

इंजीनियरिंग डिटेल्स:

  • वर्तमान ट्रैक पर 36 मोड़ (कर्व), नई लाइन में 56 मोड़ होंगे
  • इस सेक्शन पर अधिकतम 24 बोगियों वाली ट्रेनें चलेंगी

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:

वर्षघटनाक्रम
1901रेल संचालन का एग्रीमेंट मार्टिन लाइट से
1903पहली ट्रेन बख्तियारपुर से बिहारशरीफ चली
1909लाइन सिलाव तक पहुँची
1911लाइन राजगीर तक पहुँची
1962बड़ी लाइन में परिवर्तन (जगजीवन राम ने उद्घाटन किया)
1998तिलैया तक निर्माण की आधारशिला (नीतीश कुमार ने रखी)
2010तिलैया तक लाइन विस्तार (उद्घाटन सीएम नीतीश कुमार)
2016-17बख्तियारपुर-राजगीर विद्युतीकरण
2017तिलैया तक विद्युतीकरण

अधिकारी का बयान:

चीफ इंजीनियर (दानापुर मंडल) अनिल कुमार ने कहा कि दोहरीकरण से कोल ढुलाई का खर्च घटेगा और यात्री सुविधाएं भी बेहतर होंगी। साथ ही यह रूट लगभग 100 किलोमीटर की दूरी कम कर देगा। यह दोहरीकरण परियोजना केवल रेल नेटवर्क को नहीं बल्कि नालंदा-नवादा क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी गति देगी। जल्द ही इस पर निर्णय की अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है।

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News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

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