
छपरा। बिहार में रेल यातायात के विकास की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए राज्य सरकार ने रेलवे बोर्ड को छह महत्त्वपूर्ण रेल परियोजनाओं का प्रस्ताव भेजा है। ये प्रस्ताव बिहार के सामाजिक, आर्थिक, औद्योगिक और पर्यटन विकास की दृष्टि से बेहद अहम माने जा रहे हैं।
मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने इन प्रस्तावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार का आग्रह करते हुए रेलवे बोर्ड को एक विस्तृत पत्र लिखा है, जिसमें बिहार की विशेष भौगोलिक और जनसंख्या संबंधी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अवसंरचना विस्तार की जरूरत को रेखांकित किया गया है।
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बिहार में रेल नेटवर्क की मौजूदा स्थिति
- बिहार का जनसंख्या घनत्व: 1388 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
- राष्ट्रीय औसत: 464 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
- प्रति लाख आबादी पर रेल ट्रैक की उपलब्धता: 5.31 किमी
- राष्ट्रीय औसत: 9.81 किमी
- साफ है, बिहार की आबादी के अनुपात में रेल सेवाएं कम हैं, जिनमें विस्तार की सख्त आवश्यकता है।
प्रस्तावित 6 प्रमुख रेल परियोजनाएँ
1. आरा-छपरा रेल पुल निर्माण प्रस्ताव
- गंगा नदी पर नया रेल पुल बनाने की योजना
- यह पुल शाहाबाद और सारण क्षेत्र को सीधे जोड़ेगा
- उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच तेज, सीधा और वैकल्पिक संपर्क स्थापित होगा
- माल और यात्री ट्रैफिक को राहत मिलेगी
2. बौद्ध सर्किट रेल कॉरिडोर
- पटना-गया-तिलैया-राजगीर-फतुहा रेल खंड को सर्कुलर ट्रेन सेवा से जोड़ा जाएगा
- इस क्षेत्र में बोधगया, नालंदा, राजगीर जैसे प्रमुख बौद्ध तीर्थ स्थल आते हैं
- इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
- राज्य को अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों से भी राजस्व मिलने की संभावना
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3. दक्षिण बिहार उपनगरीय रेल नेटवर्क
- जिले: बक्सर, भोजपुर, रोहतास, लखीसराय, मुंगेर, शेखपुरा, भागलपुर, जमुई, बांका
- प्रस्ताव: इन जिलों को पटना से उपनगरीय लोकल ट्रेनों द्वारा जोड़ा जाए
- इसके लिए तीसरी और चौथी लाइन बिछाने की जरूरत पर ज़ोर
- मुंबई लोकल की तर्ज पर सुविधाजनक दैनिक यात्रा का मार्ग खुलेगा
4. उत्तर बिहार उपनगरीय रेल नेटवर्क
- जिले: सीवान, छपरा, हाजीपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा
- सभी को पटना के साथ जोड़े जाने की योजना
- इससे कामकाजी वर्ग और छात्रों को होगा लाभ
- उपनगरीय नेटवर्क बिहार की राजधानी को मजबूत रीढ़ प्रदान करेगा
5. पटना क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क व नया रेल पुल (फतुहा-बिदुपुर)
- नया रेल पुल: फतुहा-बिदुपुर के बीच
- क्षेत्रीय परिवहन नेटवर्क:
- पटना-पटना साहिब-फतुहा-बिदुपुर-हाजीपुर-सोनपुर-पाटलिपुत्र-पटना
- यह रिंग रेलवे मॉडल दिल्ली मेट्रो की तरह काम करेगा
- पटना मेट्रो से आगे बढ़ते हुए पूरे क्षेत्र में लोकल आवागमन सुलभ बनाया जाएगा
6. उच्च घनत्व रेलखंडों में तीसरी और चौथी लाइन का विस्तार
- प्रमुख खंड: डीडीयू-बक्सर-आरा-पटना-किऊल
- इन मार्गों पर अत्यधिक ट्रैफिक है
- तीसरी/चौथी लाइन से दैनिक यात्री और माल ढुलाई सुचारु होगी
- कंजेशन घटेगा, ट्रेनों की पंचवक्तीयता बढ़ेगी
राज्य सरकार की प्रतिबद्धता
- भू-अधिग्रहण, बुनियादी ढाँचा निर्माण, और डीपीआर तैयार करने में पूरी मदद
- बिहार सरकार ने कहा है कि वह इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन में रेलवे के साथ पूरी सहभागिता निभाएगी
- इससे लोकल रोजगार, पर्यटन, औद्योगिक विकास और सामाजिक गतिशीलता को बल मिलेगा
बिहार में इन छह रेल परियोजनाओं के कार्यान्वयन से राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच की खाई पाटी जा सकेगी। ये परियोजनाएँ बिहार को सुलभ, सुरक्षित और तेज रेल यातायात से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकती हैं।