
छपरा। सारण जिले में जमीन निबंधन से राजस्व वसूली में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान छपरा जिले के निबंधन कार्यालयों ने कुल 210.98 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो कि अब तक का सर्वाधिक है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 37 करोड़ रुपये अधिक है, जब जिले को 173.94 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई थी।
इस वर्ष सदर निबंधन कार्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहां से अकेले 100.12 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ — यह पहली बार है जब किसी एकल निबंधन कार्यालय ने 100 करोड़ का आंकड़ा पार किया है।




जिले के अन्य निबंधन कार्यालयों द्वारा प्राप्त राजस्व इस प्रकार है:
- सोनपुर: 32.57 करोड़
- एकमा: 25.35 करोड़
- मशरक: 20.24 करोड़
- परसा: 16.64 करोड़
- मरहौरा: 16.06 करोड़
जिले में इस वर्ष 55034 दस्तावेजों का निबंधन किया गया, जो कि पिछले वर्ष के 46791 दस्तावेजों से लगभग 8200 अधिक है। यह बढ़ोतरी दर्शाती है कि निबंधन प्रक्रिया अब ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी हो चुकी है।
जिला पदाधिकारी के निर्देश पर भूमि की स्थिति और श्रेणी निर्धारण को अधिक सटीक बनाने हेतु निबंधन में latitude, longitude सहित भूमि का चित्र संलग्न करना अनिवार्य किया गया। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भूमि की श्रेणी के अनुसार ही उचित शुल्क लिया जाए। यदि जांच के दौरान भूमि की श्रेणी गलत दी जाती है, तो मुद्रांक अधिनियम की धारा 47-A के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
ई-निबंधन प्रणाली की शुरुआत
वर्ष 2024-25 में जिले में ई-निबंधन प्रणाली की शुरुआत भी की गई है। शुरुआती दौर में भले ही लोगों को इसकी प्रक्रिया समझने में कठिनाई हुई, लेकिन अब इसे लेकर लोगों में जागरूकता और सहजता बढ़ रही है। इस ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से न केवल समय और श्रम की बचत हो रही है, बल्कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी आई है। अब पक्षकार को बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से निबंधन कराना होता है, जिससे दस्तावेजों की प्रमाणिकता भी सुनिश्चित होती है।
जमीन निबंधन से जुड़ी इन नई पहलों और तकनीकी नवाचारों के परिणामस्वरूप जिले ने लगभग 211 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त कर एक नई मिसाल कायम की है।
Publisher & Editor-in-Chief