छपरा। सारण जिले की कामकाजी महिलाओं को अपने छोटे बच्चों की देखभाल में अब एक बड़ी राहत मिली है। समाहरणालय के सामने स्थित विकास भवन में एक नया पालनाघर खोला गया है, जिसका उद्घाटन आज जिला पदाधिकारी अमन समीर ने किया। इस पालनाघर का उद्देश्य 6 महीने से 5 साल तक के बच्चों की देखभाल करना है, ताकि कामकाजी महिलाओं को कार्यावधि में अपने बच्चों की देखभाल की चिंता न हो और वे निश्चिंत होकर अपना काम कर सकें।
पालनाघर में बच्चों की देखभाल के लिए दो कर्मियों की नियुक्ति की गई है, जिनमें गुड्डी कुमारी (क्रेच वर्कर) और कुमारी शान्ता (सहायक क्रेच वर्कर) शामिल हैं। यह पालनाघर समाहरणालय और उसके आस-पास के कार्यालयों में कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए खोला गया है, और यह कार्यालय अवधि के दौरान या जब तक महिलाएं कार्यालय में कार्यरत होंगी, तब तक खुला रहेगा।
चार बच्चों का हुआ पंजीकरण
उद्घाटन के समय कई कामकाजी महिलाओं ने अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि इस पालनाघर के खुलने से उन्हें अपने बच्चों को रखने की समस्या से निजात मिलेगी। उद्घाटन के दौरान समाहरणालय में कार्यरत महिलाओं ने 4 बच्चों का पंजीकरण भी कराया।
जिला पदाधिकारी ने इस अवसर पर सभी कार्यालयों में भ्रमण कर एक सूची तैयार करने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन महिलाओं को बच्चों के लिए पालनाघर की जरूरत हो, वे इसे आसानी से उपयोग कर सकें। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि पालनाघर में बच्चों की पूरी देखभाल की जाएगी।
पालनाघर के उद्घाटन के समय उप विकास आयुक्त, निदेशक, ग्रामीण विकास अभिकरण, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आई.सी.डी.एस, जिला परियोजना प्रबंधक, महिला एवं बाल विकास निगम के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद थे।
यह पहल न केवल कामकाजी महिलाओं के लिए बल्कि उनके बच्चों के लिए भी एक बेहतरीन सुविधा साबित होगी, जिससे वे अपने कार्य में पूरी तरह से संलग्न हो सकें।
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