छपरा। उत्तर प्रदेश से शुरू होकर बिहार के कई प्रमुख शहरों से होते हुए पश्चिम बंगाल तक जाने वाले दो महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे, बिहार में सड़क परिवहन को और सशक्त बनाएंगे। यह एक्सप्रेसवे राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे और यात्रा की दूरी को भी कम करेंगे।
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
पहला एक्सप्रेसवे है गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे, जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से शुरू होकर पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक जाएगा। इस एक्सप्रेसवे से बिहार के 13 प्रमुख शहरों—किशनगंज, सहरसा, छपरा, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई, मधुबनी, मुजफ्फरपुर और पटना से होते हुए यात्रा को और आसान बनाया जाएगा। इस मार्ग के निर्माण से बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा, जिससे व्यापार, यातायात और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे
दूसरा महत्वपूर्ण एक्सप्रेसवे है **रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे**, जो रक्सौल (बिहार) से शुरू होकर हल्दिया (पश्चिम बंगाल) तक जाएगा। इस मार्ग में बिहार के **बांका, मुजफ्फरपुर, शिवहर और सीतामढ़ी** जैसे प्रमुख जिले शामिल होंगे। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से रक्सौल और हल्दिया के बीच यात्रा का समय कम होगा, और पश्चिम बंगाल के महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर हल्दिया तक पहुंचना और भी सुविधाजनक हो जाएगा।
इन दोनों एक्सप्रेसवेज़ के निर्माण से न सिर्फ बिहार की सड़क कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी। आने वाले समय में इन मार्गों के खुलने से न केवल स्थानीय व्यापार में बढ़ोतरी होगी, बल्कि इन क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री ने इन दोनों एक्सप्रेसवेज़ की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और बिहार का देश के अन्य हिस्सों से संपर्क मजबूत होगा। उन्होंने केंद्र सरकार और संबंधित एजेंसियों को धन्यवाद देते हुए यह भी आश्वासन दिया कि राज्य सरकार इस कार्य को तेजी से पूरा करने में सहयोग करेगी।
यात्रा का समय होगा कम
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे और रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच यात्रा की दूरी में काफी कमी आएगी। इन मार्गों पर सफर करने से यात्री न केवल समय की बचत करेंगे, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आने की संभावना है क्योंकि यह एक्सप्रेसवे हाई-स्पीड यात्रा के लिए बनाए जाएंगे। इन दोनों एक्सप्रेसवेज़ के निर्माण से न केवल बिहार के विकास को एक नई दिशा मिलेगी, बल्कि इस क्षेत्र के पर्यटन, व्यापार और उद्योगों में भी नए अवसर खुलेंगे।
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