छपरा : जिला के सभी अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों को मिले, इसके लिये प्रशासन लगातार प्रयासरत है। कुछ प्रखंड स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न इंडिकेटर में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं तो कुछ प्रखण्डों का प्रदर्शन कमतर है। गुरुवार को जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। समाहरणालय सभागर में आहुत बैठक में जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित विभिन्न पैरामीटर्स की एक एक कर समीक्षा की तथा अपेक्षित सुधार हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया। इंजुरी रिपोर्ट एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट समय पर बनाने को लेकर सभी संबंधित पदाधिकारियों को स्पष्ट निदेश दिया गया। इंजुरी रिपोर्ट के मामलों का निष्पादन उसी दिन सुनिश्चित करेंगे। इसका दैनिक प्रतिवेदन सभी पीएचसी प्रतिदिन भेजेंगे। इसके लिये विहित फॉर्मेट में गूगल शीट तैयार किया गया है, जिसमें सभी पीएचसी द्वारा प्रतिदिन प्रविष्टि की जायेगी। इंजुरी रिपोर्ट को पुलिस अधीक्षक के कार्यालय एवं सिविल सर्जन के कार्यालय को ईमेल पर उसी दिन भेजना होगा। पोस्टमॉर्टम के मामलों में अधिकतम 48 घंटे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर पुलिस अधीक्षक कार्यालय को ईमेल के माध्यम से भेजना सुनिश्चित करेंगे। इसका भी दैनिक रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि समय से इंजुरी रिपोर्ट एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध होने से अभियोजन की प्रक्रिया में तेजी आएगी। जिलाधिकारी द्वारा पूर्व में दिये निदेश के आलोक में सर्वे कर जानकारी दी गई कि जिला के 22 पंचायतों में फिलहाल कोई सरकारी हेल्थ फैसिलिटी नहीं है। इन सभी पंचायतों में प्राथमिकता से उपयुक्त जमीन चिन्हित कर प्रस्ताव भेजा जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन पंचायतों में उपलब्ध हेल्थ फैसिलिटी उस पंचायत के कुछ गाँव टोले से 2 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित है, इसकी सूची तैयार कर उपलब्ध कराने को कहा गया। इन पंचायतों में अतिरिक्त हेल्थ फैसिलिटी (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) के निर्माण हेतु जमीन चिन्हित कर प्रस्ताव भेजा जायेगा। टेली कंसलटेंसी के मामलों में विगत समय में कमी पाई गई। जिलाधिकारी ने इसपर असंतोष व्यक्त करते हुये सभी पीएचसी को इसमें गुणात्मक सुधार लाने का निदेश दिया। टेली कंसलटेंसी स्पोक एंड हब प्रणाली के आधार पर कार्य करता है।
स्पोक में सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्पोक के रूप में काम करते हैं, जहाँ से सीएचओ हब में बैठे डॉक्टर से मरीज की दूरभाष के माध्यम से बात कराकर चिकित्सीय परामर्श प्राप्त करते हैं। टेली कंसलटेंसी के माध्यम से डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब की गई दवाइयां संबंधित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या हेल्थ सब सेंटर के माध्यम से मरीज को उपलब्ध कराई जाती है। टेली कंसलटेंसी के माध्यम से डॉ शिल्पी सिन्हा एवं डॉ ज्योति सिन्हा द्वारा 2 हजार से अधिक मरीजों को परामर्श दिया गया। इसके लिये इन दोनों डॉक्टर को प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा। प्रत्येक आशा के पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की सूची आशावार तैयार करने का निदेश सभी बीसीएम को दिया गया। इसके आधार पर गर्भवती महिलाओं के एएनसी एवं प्रसव की मॉनिटरिंग की जायेगी। अगर कोई आशा किसी गर्भवती महिला को निजी अस्पताल ले जाती है, तो इसकी भी ट्रैकिंग हो सकेगी तथा संबंधित आशा के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी। इस सूची को एक महीने के अंतर्गत अनिवार्य रूप से तैयार करने को कहा गया। संपूर्ण टीकाकरण में जिला में लगभग 95 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की गई है। कुछ प्रखण्डों की उपलब्धि औसत से कम पाई गई जिन्हें अपेक्षित सुधार लाने का निदेश दिया गया।
सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा मरीजों को जेनेरिक दवाएं ही प्रेस्क्राइब की जानी हैं। इस संबंध में प्रत्येक पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल में नियमित रूप से रेंडमली प्रेस्क्रिप्शन की जाँच करने को कहा गया। बैठक में उपविकास आयुक्त, सिविल सर्जन, डीपीएम, सभी एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम आदि उपस्थित थे।
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