
पटना। बिहार को आधुनिक कनेक्टिविटी की बड़ी सौगात मिलने जा रही है। आगामी 22 अगस्त 2025 को औंटा (मोकामा)–सिमरिया (बेगूसराय) चार/छह लेन परियोजना का लोकार्पण किया जाएगा। इस परियोजना में गंगा नदी पर निर्मित 1.865 किमी लंबा छह लेन का पुल भी शामिल है।
यह पुल मोकामा और बेगूसराय के बीच सीधा संपर्क स्थापित करेगा। नया पुल लगभग सात दशक पुराने राजेंद्र सेतु के समानांतर बनाया गया है। राजेंद्र सेतु इस समय मरम्मताधीन है और भारी वाहनों का परिचालन उस पर प्रतिबंधित है। ऐसे में वाहनों को लंबा चक्कर लगाकर यात्रा करनी पड़ रही थी।
100 किलोमीटर की यात्रा दूरी कम होगी
नए गंगा पुल के चालू होने से भारी वाहनों के लिए यात्रा आसान और तेज हो जाएगी। यह पुल उत्तर बिहार (बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी, अररिया आदि) और दक्षिण बिहार (पटना, शेखपुरा, नवादा, लखीसराय आदि) को सीधे जोड़ेगा। भारी वाहनों को पहले जहां लंबा मार्ग तय करना पड़ता था, अब यह दूरी 100 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इससे ईंधन व वाहन संचालन लागत में बड़ी बचत होगी।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
यह पुल न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसके निर्माण से सिमरिया धाम की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। सिमरिया धाम प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्मस्थान भी है और श्रद्धालुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है।
विकास का नया अध्याय
औंटा–सिमरिया गंगा पुल परियोजना बिहार में कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय विकास को गति देने वाली साबित होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पुल इंजीनियरिंग की आधुनिक मिसाल है, जो नवाचार, लचीलापन और मजबूत बुनियादी ढांचे का प्रतीक है।
इस पुल के निर्माण से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच न केवल व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लोगों के आवागमन में भी सुगमता आएगी।