छपरा। माँझी नगर पंचायत क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन मोहल्लों में डायरिया ने महामारी का रूप अख्तियार कर लिया है। पिछले 24 घण्टे के भीतर लगभग चार दर्जन मरीज माँझी पीएचसी में इलाज हेतु आ चुके हैं। हालाँकि चिकित्सक महज तीन दर्जन मरीजों के इलाज की पुष्टि कर रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक लगभग एक दर्जन डायरिया पीड़ितों को छपरा सदर अस्पताल भी रेफर किया जा चुका है। जबकि कई अन्य मरीजों को इलाज के पश्चात वापस घर भेज दिया गया हैं।
इस बीच कई मरीजों ने बताया कि पीएचसी में जरूरी दवाओं का अभाव बना हुआ है। कई मरीज अपने पैसे से जरूरी दवाएं खरीदने पर मजबूर हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ चिकित्सा कार्य में लगे स्वास्थ्य कर्मियों के डिमांड पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा बाहर से सलाईन की बोतलें खरीदी जा रही हैं। मरीजों के लगातार आते जाते रहने की वजह से पीएचसी परिसर में अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। वाहनों तथा के एम्बुलेंस की चहलकदमी से लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया है। मरीजों को उनके घर से लाने ले जाने में ततपरता से लगे स्थानीय समाजसेवी कृष्णा सिंह पहलवान ने बताया कि पिछले 24 घण्टे में लगभग पांच दर्जन मरीज पीएचसी में इलाज हेतु पहुंच चुके हैं।
इसके अलावा अनेक मरीज निजी अस्पतालों में भी इलाज करा रहे हैं। इस बीच मरीजों की बढ़ती संख्या तथा पीएचसी में मरीजों की भीड़ को देखते हुए कई मरीज के परिजन अपने अपने घरों में ही इलाज करा रहे हैं। पीएचसी के प्रबंधक ने बताया कि प्रभावित इलाके में ब्लीचिंग पाउडर के तत्काल छिड़काव हेतु कर्मियों को निर्देशित किया गया है। इलाज में लगे चिकित्सकों ने आशंका ब्यक्त की है कि दूषित पेयजल की वजह से ही लोग लगातार बीमार हो रहे हैं। चिकित्सकों ने लोगों से उबाला हुआ पानी पीने की सलाह दी है। महामारी के मद्देनजर पूछे जाने पर माँझी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रोहित कुमार ने बताया कि सभी चिकित्सकों एवम चिकित्सा कर्मियों को तैनात कर दिया गया है। ताकि मरीजों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि जरूरी दवाएं बाहर से खरीद कर स्टोर कर ली गई हैं। महामारी को देखते हुए फास्टफूड आदि की दुकानों पर पाबन्दी लगा दी गई हैं।
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