बाल विवाह पर अंकुश लगाने व बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना की भूमिका महत्वपूर्ण

छपरा

• योजना के तहत 2 साल तक की कन्या शिशुओं को दिए जाते हैं 3000 रुपए
• प्रथम दो कन्या शिशुओं को योजना का लाभ
• घर बैठे ई-कल्याण पोर्टल के जरिए लाभार्थी कर सकते हैं आवेदन
छपरा,6 जनवरी । मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का क्रियान्वयन अब समाज कल्याण विभाग के अधीन आईसीडीएस द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का उद्देश्य कन्या के जन्म को प्रोत्साहित करना एवं कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है। योजना की सहायता से लिंग अनुपात में वृद्धि लाना एवं बालिका शिशु मृत्यु दर कम करने की भी है। बाल विवाह पर अंकुश लगाने एवं बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने में भी योजना महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। योजना का बृहद उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्यधारा में लाना है, ताकि महिला सशक्तिकरण की राह को आसान बनाया जा सके।

प्रथम दो कन्या शिशुओं को योजना का लाभ:
कन्या उत्थान योजना का लाभ परिवार की केवल दो प्रथम क्रम की कन्या संतानों को ही दिया जाता है। इसके लिए लाभुक को जिले का निवासी होना जरूरी है। योजना के तहत दो किश्तों में 3000 रुपये लाभुक को देने का प्रावधान है। पहले किश्त के रूप में 2000 रुपए माता-पिता या अभिभावक के बैंक खाते में भेजे जाते हैं जब कन्या का पंजीकरण शून्य से एक साल तक किया जाता है। वहीं, दूसरी किश्त के रूप में 1000 रुपए तब दिए जाते हैं, जब एक से दो वर्ष की कन्या शिशु का आधार पंजीकरण एवं जन्म निबंधन का कार्य पूरा हो जाता है।

घर बैठे ई-कल्याण पोर्टल के जरिए लाभार्थी कर सकते हैं आवेदन :
योग्य लाभुक के माता-पिता अब ई-कल्याण पोर्टल (ekalyan.bih.nic.in) की सहायता से घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। महिला पर्यवेक्षिका द्वारा ऑनलाइन आवेदनों का भौतिक सत्यापन कर ई-कल्याण पोर्टल पर अप्रूवल किया जाएगा। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी इस हेतु स्वीकृति पदाधिकारी होंगे। महिला पर्यवेक्षिका द्वारा स्वीकृत आवेदनों को बाल परियोजना द्वारा ई-कल्याण पोर्टल पर अनुमोदन किया जाएगा।