छपरा।दुर्घटना से रखनी दूरी है तो हेलमेट सबसे जरुरी है।जानता है देश का हर एक बच्चा, सबसे जरुरी सड़क सुरक्षा। वाहन नियंत्रित गति में चलाएं, जिम्मेदार नागरिक का फ़र्ज़ निभाएं .. जैसे गगनभेदी नारों के साथ कलेक्ट्रेट परिसर व शहर के प्रमुख चौक- चौराहें गूंज उठें। मौका था सड़क सुरक्षा सप्ताह के उद्घाटन सत्र का। कलेक्ट्रेट परिसर स्कूली बच्चों व विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों के लोगों से भरा हुआ था। सभी जिला परिवहन विभाग के कार्यक्रम को सफल कराने में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने में जुटे हुए थे।
भीषण ठंड की परवाह किए बिना स्कूली बच्चे हाथों में जागरूकता से संबंधित तख्तियां लिए हुए थे। सड़क सुरक्षा सप्ताह का विधिवत शुभारंभ जिला पदाधिकारी राजेश मीणा ने हरी झंडी दिखाकर किया। उन्होंने कहा कि जागरूकता काफी जरूरी है। इस मौके पर विधायक डॉ सीएन गुप्ता, एसपी गौरव मंगला
डीडीसी अमित कुमार , एडीएम डॉक्टर गगन, डीटीओ जनार्दन कुमार,जिलाधिकारी के विशेष कार्य पदाधिकारी रजनीश कुमार राय, सदर एसडीओ अरुण कुमार सिंह, अवर निर्वाचन पदाधिकारी जावेद इकबाल, एमवीआई संतोष कुमार सिंह,
शिक्षक नदीम अहमद सुनील कुमार
गर्ल्स स्कूल की संगीत शिक्षिका प्रियंका कुमारी , जिला परिवहन कार्यालय के जितेंद्र कुमार व अन्य थे।
दुर्घटनाओं में कमी हो
जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के आयोजन का मुख्य उद्देश्य दुर्घटनाओं में कमी लाना है। उन्होंने कहा कि तेज गति से वाहन चलाना दुर्घटना का प्रमुख कारण है। हेलमेट, सीट वेल्ट की जांच करते समय गाड़ी की रफ्तार भी देखने और तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वालों को दण्डित करने पर डीएम ने बल दिया। उन्होंने अभियान चलाकर और स्थान चिन्हित कर वाहनों की जांच कराने को कहा। सभी थाना क्षेत्र में सप्ताह में एक दिन निर्धारित कर सघन जांच अभियान चलायी जाय ताकि लोगों में भय उत्पन्न हो और लोग रफ्तार पर ब्रेक लगायें।
लोगों से भी सहयोग का अनुरोध
जिलाधिकारी ने कहा कि दुर्घटना ग्रस्त व्यक्ति को आधे घंटे से एक घंटे की अवधि में जो कि गोल्डेन पीरियड होता है, में अगर पास के चिकित्सक या चिकित्सा केन्द्र तक पहुंचा दिया जाय तो दुर्घटना ग्रस्त व्यक्तियों को बचाया जा सकता है। लोगों को यह कार्य करना चाहिए। वैसे लोग जो यह कार्य करते हैं उन्हे गुड सेमेरिटन कहा जाता है और इन लोगों को जिला प्रशासन के स्तर पर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाता है।
सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारंभ के अवसर पर पांच गुड सेरिमिटनों को शॉल देकर जिलाधिकारी ने सम्मनित भी किया। इनमें
मांझी के मनोज कुमार सिंह, दाउदपुर के पप्पू राय, दरियापुर के अशोक कुमार साह, रिविलगंज के साबिर खां, कोपा के अजमत उल्लाह खां को गुड सेमेरिटन अवार्ड प्रदान किया। जिलाधिकारी ने अन्य लोगों से भी घायलों को मदद में आगे आने का आह्वान किया और कहा कि मानवता की सेवा से बढ़कर कोई बड़ा धर्म नहीं होता है।
चलेगा वाहन जांच अभियान
एनएच-एसएच सड़क पर विशेष वाहन जांच अभियान का आयोजन किया जाएगा। हर दिन अलग-अलग थीम पर जांच अभियान चलाया जाएगा। हेलमेट-सीटबेल्ट, ओवर स्पीडिंग, नाबालिग द्वारा वाहन चालन, फिटनेस, परमिट, प्रदूषण जांच, प्रेशर हाॅर्न ,मल्टी ट्यून हाॅर्न, हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट आदि विशेष जांच अभियान का आयोजन जिला स्तर पर किया जाएगा। इस दौरान सड़क सुरक्षा नियम के उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
होर्डिंग के माध्यम से चलाया जाएगा अभियान
डीटीओ ने बताया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान होर्डिंग्स और बैनर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिले के मुख्य स्थानों पर सड़क सुरक्षा जागरुकता होर्डिंग लगाए गए है। पूरे सप्ताह लगातार सड़क सुरक्षा जागरूकता को ले वाहनों पर माइक से प्रसारण कर आम लोगों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाएगा।
कई संगठन लेंगे भाग
17 जनवरी तक मनाए जाने वाले सड़क सुरक्षा सप्ताह में विभिन्न गतिविधियां आयोजित होंगी। ट्रैफिक पुलिस, रोटरी, स्वास्थ्य सूचना और प्रचार, पीडब्ल्यूडी, ट्रांसपोर्ट अथारिटी, जिला अथारिटी, स्वैच्छिक संगठन भाग लें रहे हैं। एनसीसी- एनएसएस स्काउट की भी अहम भागीदारी सुनिश्चित की गई है। सड़क सुरक्षा सप्ताह में युवाओं को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने पर भी मुख्य फोकस है। इसके लिए जिला परिवहन कार्यालय में विशेष कार्य योजना बनाई है।
ड्राइवरों के लिये नेत्र व स्वास्थ्य जांच शिविर
सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान बस, ऑटो और ट्रक के वाहन चालकों के स्वास्थ्य जांच के साथ नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया जाएगा। । परिवहन आयुक्त के निर्देश पर सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान जिले में बस, ऑटो, बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ,ट्रक के वाहन चालकों को रिफ्रेशर ट्रेनिंग भी दी जाएगी फर्स्ट ऐड के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
प्रति साल असमय काल के गाल में समा जाते हैं लोग
सारण में प्रति साल सड़क दुर्घटनाओं में काफी संख्या में लोग असमय काल के गाल में समा जाते हैं। ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करने के कारण ही अक्सर दुर्घटना होती है।
इसके अलावा काफी संख्या में लोग घायल भी होते हैं। सड़क दुर्घटना में मौत के बाद कई स्थानों पर सड़क जाम के कारण विधि व्यवस्था की भी स्थिति उत्पन्न हुई। लोग आगजनी पर भी उतारू हो जाते हैं हाल के दिनों में सारण में इस तरह की प्रवृत्ति काफी देखने को मिल रही है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए ही जिला परिवहन विभाग ने जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया है।
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