डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा विधि से जांच आवश्यक, रक्त केंद्र में सुविधा उपलब्ध

छपरा
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• सदर अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में जांच किट उपलब्ध
• सभी रक्त केन्द्रों में एलाइजा मशीन उपलब्ध
• प्रभावित इलाकों में फॉगिंग करायी जा रही

छपरा,20 अक्टूबर । जिले में पिछले कुछ दिनों में काफी संख्या में डेंगू के मरीज सामने आये हैं । डेंगू से बचाव तथा मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्क और संकल्पित है। सभी सरकारी अस्पतालों में डेंगू वार्ड बनाये गये हैं । इसके साथ हीं आवश्यक दवाओं की उपलब्ध्ता सुनिश्चित की गयी है। विभाग के द्वारा डेंगू जांच की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। जिले में डेंगू के मरीजों की पुष्टि के लिए एलाइजा विधि से जांच की जायेगी। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि राज्य के सभी रक्त केन्द्रों में एलाइजा मशीन उपलब्ध है।

यह मशीन रक्त केन्द्र में नियमित रूप से टीटीई (एचआईवी, हेपेटाइटीस-बी. हेपेटाइटीस-सी, सीफ्लिस आदि) के अतिरिक्त अन्य बीमारियों की भी जाँच करने में सक्षम है। लगातार डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसी परिस्थिति में मरीजों की एलाइजा विधि से डेंगू जांच की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है। इस कार्य में जिला अस्पताल के प्रयोगशाला के द्वारा सहयोग प्रदान किया जायेगा। एलाइजा विधि से डेंगू जाँच हेतु एलाइजा डेंगू किट जिला अस्पताल के द्वारा उपलब्ध कराई जायेगी। साथ ही जिला अस्पताल के लैब में सम्भावित मरीजों की संग्रहित रक्त सैँपल प्रयोगशाला प्रावैधिकी स्वयं रक्त केन्द्र में जाकर तत्काल अगले आदेश तक रक्त केन्द्र में उपलब्ध एलाइजा मशीन से जाँच करेंगे तथा मरीज को जांच प्रतिवेदन जिला लैब से ही निर्गत करेंगे। रक्त केन्द्र में रक्तदान के लिये आने वाले डोनर के लिये डेंगू की जाँच नहीं की जायेगी तथा यथावत पाँच तरह की ही टीटीई जाँच की जायेगी।

अधिक सावधानी बरतने की जरूरत:

डीएमओ डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि एलाइजा टेस्ट की सुविधा सदर अस्पताल में उपलब्ध हो गई है। अब जिले के डेंगू के लक्षण वाले मरीजों के ब्लड के सैंपल की जांच के लिए ज्यादा समय तक इंतजार नहीं करना होगा। डेंगू से बचाव के लिए सामुदायिक स्तर पर लोगों को इसके कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। मच्छर जनित रोगों को लेकर बहुत अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। अपने घर व आसपास की साफ-सफाई का ख्याल रखें। तेज बुखार की स्थिति को नजरअंदाज नहीं करें। मच्छर जनित रोग, जैसे – मलेरिया व डेंगू आदि में ठंड के साथ तेज बुखार आने के साथ मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द भी रहता है। डेंगू के कारण खून में मौजूद प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से कम होने लगती है। शरीर पर चकते या दाने उभर आते हैं। मच्छरों से बचने के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल अवश्य करें। अपने आसपास पनपने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए प्राथमिक स्तर पर घरेलू उपाय भी अपनायें। गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं की विशेष सुरक्षा व ध्यान रखने की जरूरत पर बल दें। ड़ेंगू के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रभावित इलाकों में फॉगिंग करायी जा रही है। ताकि डेंगू के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सके।

पेय पदार्थ ज्यादा मात्रा में लें:

मरीज को डेंगू होने पर अधिक से अधिक पानी, ओआरएस घोल, नींबू पानी, नारियल पानी पीना चाहिए। नींबू का रस शरीर में मौजूद विषैले तत्व को दूर करते हैं। इसके अलावा चिकन सूप या अधिक से अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए। डेंगू के मरीजों के पेय पदार्थ ज्यादा लेना चाहिए।

डेंगू के लक्षण
• अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार
• मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना
• आंखों के पीछे दर्द होना जो कि आंखों को घुमाने से बढ़ता है
• जी मिचलाना एवं उल्टी होना
• गंभीर मामलों में नाक मुंह मसूड़ों से खून आना
• त्वचा पर चकत्ते उभरना।