छपरा। वर्ल्ड फूड डे के अवसर पर “खाद्य सुरक्षा तथा सतत कृषि” विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन जय प्रकाश महिला महाविद्यालय छपरा के राजनीति विज्ञान विभाग तथा भागलपुर चैप्टर न्यूट्रिशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वाधान में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जय प्रकाश महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मंजू कुमारी सिन्हा के द्वारा किया गया। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि खाद्य सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रम, चर्चाएं, गोष्ठियों का आयोजन तथा धरातल पर भी कार्य लगातार किए जाने की आवश्यकता है ताकि समाज का कोई भी तबका पीछे ना रह जाए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ फारुख अली ने कहां की अंधेरे को कोसने से बेहतर है एक चिराग जलाना। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा और उत्पादन पर हमें विशेष ध्यान देना होगा तथा ग्लोबल हंगर इंडेक्स में हमें अपनी स्थिति अच्छी करनी होगी। हमारा देश बहुत विशाल है ऐसी स्थिति में इसकी समस्याएं भी विशाल हैं। हमारे पास 10 प्रकार के अनाज हैं जिसका हम सेवन कर सकते हैं लेकिन हम सिर्फ गेहूं और चावल का सेवन करते हैं। अगर इनका उत्पादन कम हो जाए तो भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। अतः हमें समाज को विभिन्न अनाजों का सेवन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
राष्ट्रीय वेबीनार से जुड़े मुख्य वक्ता श्री सुधांशु कुमार जो एक प्रोग्रेसिव फार्मर हैं व यूएसडीए के सदस्य तथा इंडियन फार्मर नेटवर्क के सेक्रेटरी जनरल हैं, उन्होंने बताया कि किस प्रकार वे यूपीएससी की तैयारी छोड़कर कृषि क्षेत्र में आए और किस प्रकार अपने ज्ञान और अच्छी तकनीकों की मदद से कृषि को शिखर पर पहुंचाया। उन्होंने कहा कि मिट्टी एक जीती जागती चीज है, उसे जितना कम छेड़ेंगे वह उतनी ही उर्वरक होगी। नई तकनीकों से कृषि करने से कृषि में सफलता निश्चित है। उन्होंने कहा कि अगर खेती सफल है तो क्या है जो विफल हो सकता है और अगर खेती असफल है तो कुछ भी सफल नहीं हो सकता। उन्होंने जानकारी दी कि ‘आत्मा’ नामक संस्था गरीब और अशिक्षित किसानों को कृषि से संबंधित ट्रेनिंग तथा सहायता प्रदान करती है।
इस कार्यक्रम की दूसरी वक्ता डॉ नम्रता सिंह जो मिरांडा हाउस , दिल्ली विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं, उन्होंने ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोई भी समस्या इतनी बड़ी नहीं जिसका समाधान ना हो। उन्होंने राइट टू फूड, ईट राइट इंडिया मूवमेंट, पोषण अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, फूड फोर्टिफिकेशन, मिशन इंद्रधनुष, आईसीडीएस आदि सरकार द्वारा चलाए जाने वाले कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने लाइफ साइकिल अप्रोच के विषय में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमें यह कोशिश करनी है कि हर व्यक्ति के पास खाना हो अतः हमें व्यक्तिगत तौर पर खाना बर्बाद ना करने का प्रण लेना चाहिए।
इस कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम की आयोजन सचिव राजनीति विज्ञान विभाग की डॉक्टर शबाना परवीन मलिक ने किया। इस कार्यक्रम के आयोजन समिति के सदस्य डॉ सोनाली सिंह, डॉ रिंकी कुमारी, डॉ बबिता बर्धन, डॉ कुमारी नीतू सिंह तथा डॉ सुप्रिया पाठक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। धन्यवाद ज्ञापन डॉ रिंकी कुमारी ने किया। पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में संपूर्ण महाविद्यालय का सहयोग रहा।
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