छपरा। शहर के म्युनिसिपल चौक स्थित सारण आईसीयू के प्रांगण में शुकरवार को निःशुल्क जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) का निःशुल्क जांच किया गया। शिविर में चिकित्सक टीम द्वारा करीब दो सौ मरीजों का जांच किया गया। सारण आईसीयू के वरीय चिकित्सक डॉ हिमांशु कुमार ने बताया कि हड्डियों की कमज़ोरी का पता लगाना हो तो यह जांच कराया जाता है। उन्होंने कहा कि हड्डियों और जोड़ों का दर्द (Joint pain) आज के दौर में बेहद आम बात हो गयी है. उम्र दराज लोग ही नहीं कम उम्र के युवा भी हड्डियों (Bones) के दर्द से अछूते नहीं हैं.
आज के दौर की लाइफ स्टाइल और खानपान के चलते ज्यादातर लोग इससे निजात पाने के लिए डॉक्टर के पास जाने की बजाय घर पर ही तरह-तरह के ट्रीटमेंट लेते रहते हैं. जो कि आपकी सेहत (Health) के लिए नुकसानदायक हो सकता है। बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) टेस्ट हड्डियों की मजबूती की जांच के लिए करवाया जाता है. इस टेस्ट के जरिये ड्यूअल एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पटियोमेट्री (डेक्सा) मशीन की मदद से हड्डियों के घनत्व यानी डेंसिटी को परखा जाता है. साथ ही हड्डियों की कमजोरी की वजह का पता लगाया
जाता है. इस टेस्ट के जरिये हड्डियों में मौजूद कैल्शियम और अन्य मिनरल्स की जानकारी मिलती है. इस टेस्ट के जरिये ऑस्टियोपीनिया व ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों को कमजोर करने वाली बीमारी का पता भी लगाया जा सकता है.
वही देव राक्षित डायग्नोस्टिक एवं इमेजिंग सेंटर के डॉ रितेश कुमार रवि ने बताया कि पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट या पीएफटी परीक्षणों का एक सेट है जिसका उपयोग फेफड़ों के कामकाज को निर्धारित करने, मापने या निरीक्षण करने के लिए किया जाता है. इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे आम पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट स्पिरोमेट्री, गैस प्रसार, और लंग प्लेथेसमोग्राफी हैं.
पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट की मुख्य विशेषताएं
स्पिरोमेट्री टेस्ट का उपयोग इनहेल और एक्सहेल की गयी हवा की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है. यह श्वसन चक्र को पूरा करने के लिए किए गए समय की मात्रा को भी मापता है.
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