सारण में टीबी बीमारी से उबर चुकी महिलाओं को मिलेगा निःशुल्क सिलाई कटाई प्रशिक्षण

छपरा

छपरा। टीबी जैसी बीमारी से जूझ रहे रोगियों को पौष्टिक आहार देने में अग्रणी भूमिका निभाने वाली छपरा की बेटी डॉ अंजू सिंह ने सामाजिक संस्था ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति द्वारा गोद लिए गए टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार के साथ- साथ महिलाओं और युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उक्त बातें संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने कही।

संस्था द्वारा निःशुल्क सिलाई कटाई प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ स्थानीय शाखा कार्यालय साधनापुरी में किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिला एवं किशोरियों को प्रशिक्षिका द्वारा उत्साह पूर्वक सिलाई कटाई से संबंधित बारीकियां को भी सिखाया गया। जिसका विधिवत उद्घाटन संस्था की संरक्षिका माता राजेश्वरी देवी और संस्थापिका डॉ अंजू सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से फीता काटकर किया गया।

गोद लिए गए टीबी मरीजों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे आई महिला सामाजिक कार्यकर्ता डॉ अंजू सिंह

जिलेवासियों से अपील करते हुए संचारी रोग पदाधिकारी डॉ आरपी सिंह ने कहा कि सरकारी या गैर सरकारी सामाजिक संस्था या निजी रूप से कोई भी व्यक्ति टीबी मरीजों को गोद लेने के साथ ही आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सहयोग कर सकता है। हालांकि इस तरह के पुनीत कार्य के लिए ठाकुरबाड़ी महिला विकास कल्याण समिति की संचालिका डॉ अंजू सिंह ने सिलाई कटाई प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत कर ठोस कदम बढ़ाई है। ताकि आप लोग गरीबी से ऊपर उठकर जीविकोपार्जन के माध्यम से परिवार और समाज में अलग पहचान बना सकें। क्योंकि स्थानीय शहर की साधारण परिवार से आने वाली महिलाएं और युवतियां अब सिलाई और कढ़ाई कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकती है।

शहर की महिला और युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया व्यवसायिक प्रशिक्षण केंद्र: डॉ अंजु सिंह

संस्था की संस्थापिका डॉ अंजु सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में संस्था द्वारा सैकड़ों टीबी मरीजों को निःशुल्क व्यवसायिक प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाने में मदद की गई है। जिसके बाद अब सारण जिले के विभिन्न प्रखंडों में इसी तरह का व्यवसायिक प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। हालांकि स्थानीय स्तर पर भी संस्था द्वारा टीबी मरीजों को गोद लेकर पौष्टिक आहार के रूप में फूड पैकेट देकर ठीक होने में सहयोग किया गया है साथ ही आगे भी सहयोग किया जाता रहेगा।

उन्ही मरीजों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खासकर वैसी महिलाएं जो ज्यादा पढ़ी- लिखी नहीं है और वैसी युवतियां जो टीबी की बीमारी होने के कारण पढ़ाई छोड़ चुकी हैं। उन्हें प्रोत्साहित कर उनके स्वास्थ्य सुधार के साथ- साथ व्यवसायिक शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक छोटी सी प्रयास संस्था के द्वारा किया गया है।