वेद और व्याकरण जाने बिना मानव जीवन निष्फल है: आनंद

राजनीति
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छपरा। शहर के भरत मिश्र संस्कृत महाविद्यालय और सांदीपनी वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के तत्वाधान में आयोजित त्रि दिवसीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद प्रत्यासी और समाजसेवी आनंद पुस्कर ने कहा की मेरे पिता केदार पांडेय आजीवन संस्कृत की सेवा किए और मैं उन्हीं के बताए मार्गो पर चल रहा हूं।वेद देव की भाषा है वेद जाने बिना मनुष्य का जीवन असफल है।उन्होंने प्राचार्य आभा कुमारी के धन्यवाद दिया की भारत में यह पहला कार्यक्रम है जिसमें देश भर से संस्कृत के विद्वान आए हुए है और वेद और व्याकरण पर विषद चर्चा हुई।

कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के पूर्व कुलपति उमेश शर्मा ने कहा कि व्याकरण वेद का एक अंग है साथ ही में यह भाषा का अनुशीलन करता है।व्याकरण के बिना वेद में  सही उच्चारण संभव नहीं है।

उन्होंने कहा की संस्कृत को सभी भाषाओं की जननी है और इसे सभी भाषाओं के साथ जोड़कर देखना चाहिए।उन्होंने छपरा के लोगो से अनुरोध किया की संस्कृत को भोजपुरी के साथ जोड़ना जरूरी है।उन्होंने बताया की कॉन्वेंट में पढ़ने वाला  बच्चा माता पिता को कभी आदर नही कर सकता है।विदेशो में कॉनेन्वेंट में अनाथ बच्चों को पढ़ाया जाता है और हमारे भारत में कॉन्वेंट में पैसे वाले के बच्चे पढ़ते है।आज ये सब वेद से विमुख होने का प्रमाण है।

छपरा के महान साहित्यकार शंभू कमलाकर मिश्र ने कहा कि जो वेद को जाने वही ब्राह्मण है। जन्म से सभी शुद्र होते है।गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि गुण और कर्म से ही वर्ण का निर्धारण किया जाता है।

संस्कृत के बारे में बताया की संपूर्ण संस्कृत वांग्मय राष्ट्र पर आधारित है।उन्होंने भरत मिश्र के जीवन चरित्र पर कहा की आज उनकी कृति से छपरा में एक विद्यालय सोहम संस्कृत उच्च विद्यालय और  भरत मिश्र महाविद्यालय संस्कृत के प्रचार प्रसार में बिहार ही नहीं भारत में अपना प्रमुख स्थान बनाए हुए है।कार्यक्रम के  दौरान प्रिंट और एल्ट्रोनिक मीडिया के  लोगो को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

पंचम सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में छपरा स्वयं सेवक संघ के अवध किशोर मिश्र,विशिष्ठ अतिथि के रूप में शंभू कमलाकर मिश्र,सा अतिथि के रूप में महू राजकीय संस्कृत महाविद्यालय के आचार्य चंद्र कांत शुक्ल ने अपना वैदिक विचार प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय की प्राचार्य आभा कुमारी ने इस कार्यक्रम के लिए सांदीपनी वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के अखिलेश्वर मिश्र,महाविद्यालय के आचार्य अंब्रिश मिश्र,सर्वेश रमन तिवारी,प्रोफेसर विनोद पांडेय,प्रोफेसर निशा शर्मा,प्रोफेसर विमलेश सिंह,समाजसेवी सुधांशु शर्मा लिपिक विनोद कुमार,आदेशपाल प्रभावती देवी सहित महाविद्यालय और विद्यालय के सभी कर्मियों के प्रति आभार जताया साथ इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र और छात्राओं के प्रति आभार जताया।सत्र का संचालन जय प्रकाश विश्विद्यालय के संस्कृत विभाग के आचार्य डॉक्टर आशुतोष कुमार द्विवेदी ने किया।