छपरा जंक्शन पर सुविधा का विस्तार: लिफ्ट, फुट-ओवरब्रीज और स्वचालित सीढ़ियों से बदली तस्वीर

छपरा। यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पूर्वोत्तर रेलवे का वाराणसी मंडल लगातार अपने अधीनस्थ स्टेशनों पर आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने के दिशा में कार्य कर रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में मंडल ने एक बड़ा कदम उठाते हुए यात्रियों की यात्रा को सुरक्षित, सुगम और सुविधाजनक बनाने हेतु कई अहम परियोजनाओं को पूर्ण कर उपयोग में ला दिया है।
फुट ओवर ब्रिज, लिफ्ट और उच्चतल प्लेटफॉर्म का विस्तार
इस वित्त वर्ष में वाराणसी मंडल के 09 स्टेशनों—जैसे गाजीपुर घाट, खुरहट, आजमगढ़, दीदारगंज, झूंसी, कप्तानगंज सहित अन्य स्थानों—पर नए फुट ओवर ब्रिज (एफ.ओ.बी.) का निर्माण कर यात्रियों के लिए खोल दिया गया है। इसके अलावा 06 स्टेशनों पर 12 लिफ्ट लगाई गई हैं, जिनमें बनारस, बलिया, मैरवा और प्रयागराज रामबाग शामिल हैं।
छपरा स्टेशन पर विशेष ध्यान
छपरा स्टेशन पर यात्री सुविधा के विस्तार को विशेष प्राथमिकता दी गई है। यहां तीसरे पैदल उपरिगामी पुल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे स्टेशन के भीड़भाड़ वाले समय में यात्रियों का आवागमन अधिक सुरक्षित हो गया है। साथ ही, स्टेशन पर पहले से ही स्वचालित सीढ़ी की सुविधा मौजूद है और भविष्य में और विस्तार की योजना स्वीकृत की जा चुकी है।
स्वचालित सीढ़ियां और लिफ्ट से यात्रियों को राहत
मंडल के 08 प्रमुख स्टेशनों—बनारस, बलिया, मऊ, सीवान, गाजीपुर सिटी, छपरा, देवरिया सदर इत्यादि—पर स्वचालित सीढ़ियों की सुविधा शुरू की जा चुकी है। वहीं 22 अन्य स्थानों पर इनका कार्य प्रगति पर है। छपरा सहित कुल 10 प्रमुख स्टेशनों पर अब तक 23 लिफ्ट कार्यरत हैं, जबकि अन्य स्टेशनों पर 22 लिफ्ट और लगाए जाने की स्वीकृति दी जा चुकी है।
प्लेटफॉर्म विस्तार से चढ़ना-उतरना आसान
वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रयागराज रामबाग, झूंसी, शहबाजकुली और बेलथरा रोड (दो प्लेटफॉर्म सहित) पर कुल 10 उच्चतल प्लेटफॉर्मों का निर्माण पूरा कर लिया गया है, जिससे यात्रियों के लिए ट्रेनों में चढ़ना और उतरना कहीं अधिक सुविधाजनक हो गया है।
यात्रा बनी और भी आरामदायक और सुरक्षित
इन आधुनिक सुविधाओं की उपलब्धता से यात्रियों को प्लेटफॉर्म से प्लेटफॉर्म तक आवागमन में न केवल सुविधा मिल रही है, बल्कि बुजुर्गों, दिव्यांगजनों और बच्चों के साथ यात्रा कर रहे यात्रियों को विशेष राहत महसूस हो रही है।
पूर्वोत्तर रेलवे का यह प्रयास न केवल रेल सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ा रहा है, बल्कि देश के प्रमुख रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से जोड़ने की दिशा में एक ठोस कदम भी साबित हो रहा है।