छपरा। जिले के प्रसिद्ध घाटों में से एक रिविलगंज प्रखंड अतर्गत सेमरिया स्थित श्री नाथ बाबा घाट भी है. इस घाट का पौराणिक इतिहास भी रहा है. इस घाट पर छपरा जिले के कोने-कोने से लोग पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं. इसी गंगा घाट के किनारे श्रीनाथ बाबा का प्रसिद्ध मंदिर भी है. जहां गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु पुजा-अर्चना करते हैं. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं. उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.
श्रीनाथ बाबा का परिसर बड़ा होने की वजह से सुबह और शाम स्थानीय युवा सेना में भर्ती होने के लिए तैयारी करते हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां तैयारी करने वाले युवा नाथ बाबा से मन्नत मांगते हैं. नाथ बाबा इनकी मनोकामना पूरी कर सेना में जाने का मार्ग प्रशस्त कर देते हैं. खास बात यह है कि इस मंदिर में जो भी कमी रहती है सेना में नौकरी करने वाले युवा ही पूरी करते हैं.
श्रीनाथ बाबा एक तपस्वी थे. जिन्होंने इसी गंगा घाट के किनारे जिंदा समाधी ले ली थी. उन्होंने बताया कि नाथ बाबा में दिव्य शक्ति थी. एक बार सिताब दियारा से एक महिला नाव के माध्यम से नदी पार कर दही बेचने के लिए आ गई थी. दही बेचने के दौरान रात हो गई और वह महिला श्रीनाथ बाबा के पास आकर रोने लगी. महिला की करूणा देखकर नाथ बाबा आगे चलने लगे और पीछे से महिला चलती हुई गंगा पार कर गई. उन्होंने बताया कि नाथ बाबा से जुड़ी ऐसे कई प्रसंग इलाके में प्रचलित हैं. इसलिए लोग नाथ बाबा को पूजते हैं. यहां दर्शन के लिए भीड़ लगती है. नाथ बाबा सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने वालों की हर मन्नतें पूरी करते हैं.
Publisher & Editor-in-Chief