
छपरा। पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-लखनऊ रेलखंड पर स्थित नवनिर्मित सरयू नदी (घाघरा) पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। यह तीसरा पुल जुलाई 2025 में तैयार हो जाएगा, जिससे न केवल तीसरी रेल लाइन, बल्कि चौथी लाइन बिछाने का मार्ग भी प्रशस्त हो जाएगा। 1 किमी से अधिक लंबे इस पुल पर दो अतिरिक्त रेल लाइनों की व्यवस्था की गई है, जिससे इस मार्ग की ट्रैक क्षमता में ऐतिहासिक वृद्धि होने जा रही है।
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तीसरी और चौथी लाइन के साथ मिलेगा नया ट्रैक कॉरिडोर
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि तीसरी लाइन के लिए पुल का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। गर्डर लांचिंग का कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा कर लिया गया है। पुल के चालू होते ही गोरखपुर से छपरा तक 425 किमी लंबी तीसरी लाइन के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। साथ ही चौथी लाइन के लिए भी सर्वे कार्य तीव्र गति से प्रगति पर है।
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ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी, समयपालन सुधरेगा
तीसरी और चौथी लाइन की उपलब्धता से ट्रेनों की गति और संख्या में इजाफा होगा। यात्री गाड़ियों का संचालन और अधिक सुचारू होगा और समयपालन में सुधार आएगा। इसके साथ ही मालगाड़ियों की आवाजाही तेज होगी, जिससे व्यापारियों और उद्योग जगत को भी लाभ पहुंचेगा।
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पुलों का गौरवशाली इतिहास
गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर छोटे-बड़े कई पुल हैं, लेकिन सरयू नदी पर बना यह पुल सबसे महत्वपूर्ण है। पहला एल्गिन ब्रिज वर्ष 1896 में बना था, दूसरा पुल 2013-14 में चालू हुआ और अब तीसरा पुल केवल दस वर्षों में लगभग बनकर तैयार है। दोनों पुराने पुलों पर वर्तमान में डबल लाइन पर ट्रेनें चल रही हैं, जबकि तीसरे पुल पर दो नई लाइनें बिछाई जाएंगी।
अन्य सेक्शनों पर भी कार्य जारी
- गोरखपुर-कैंट-कुसम्ही और गोंडा-बुढ़वल-बाराबंकी खंड में तीसरी लाइन का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।
- गोंडा कचहरी से करनैलगंज (23.65 किमी) और छपरा कचहरी से छपरा (2.0 किमी) के बीच तीसरी लाइन पहले ही बन चुकी है।
- करनैलगंज-सरयू-जरवल रोड-घाघरा घाट (21.41 किमी) खंड में 24 से 30 जून तक प्री नॉन इंटरलॉकिंग और 1 से 4 जुलाई तक नॉन इंटरलॉकिंग कार्य प्रस्तावित है।
भविष्य की योजनाएं
- डोमिनगढ़ से खलीलाबाद (30 किमी) चौथी रेल लाइन के सर्वे को रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है।
- खलीलाबाद से बैतालपुर (85 किमी) तीसरी रेल लाइन का सर्वे कार्य भी पूरा कर लिया गया है।
- गोंडा-बुढ़वल खंड पर तीसरी लाइन का कार्य अंतिम चरण में है और जुलाई के पहले सप्ताह में सीआरएस निरीक्षण निर्धारित है।
रेलवे की नीति: उच्च घनत्व वाले मार्गों की क्षमता बढ़ाना
रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार, उच्च यात्री और मालभार वाले मार्गों पर ट्रैक क्षमता बढ़ाने के लिए युद्धस्तर पर तीसरी और चौथी रेल लाइनों का निर्माण शुरू कर दिया गया है। इससे न केवल पूर्वोत्तर रेलवे के यात्री सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी।
इस पुल के चालू होने से न केवल गोरखपुर-लखनऊ रेलखंड को नई रफ्तार मिलेगी, बल्कि छपरा, गोंडा, बहराइच, बाराबंकी और आस-पास के जिलों को भी बड़ा रेल लाभ मिलेगा।
– पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे