सारण के एक ऐसे युवा की कहानी, जो अबतक 1500 से अधिक शवों का कर चुका है अंतिम संस्कार
छपरा। अपने लिए जिए तो क्या जिए, तू जी ऐ दिल जमाने के लिए….। यह पंक्ति सारण के रविरंजन सिंह पर बिल्कुल सटीक बैठती है। 11 साल की अवस्था से अब तक सैकड़ों चिताएं जला चुके हैं। तब पिता के खर्च से गरीबों की चिताएं जलती थीं और अब स्वयं के पैसे से। यह नेक […]
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