Railway Updateदेश

Food in Train: ट्रेनों में घटिया भोजन की शिकायत पर IRCTC ने 13.2 करोड़ का जुर्माना ठोका

ट्रेनों में भोजन सेवा के लिए नया क्लस्टर मॉडल लागू

रेलवे डेस्क। भारतीय रेल ने ट्रेनों में भोजन की गुणवत्ता और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए व्यापक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाया है। रेल मंत्रालय ने वाणिज्यिक परिपत्र संख्या 24/2023 के तहत नई नीति जारी की है, जिसके तहत ट्रेनों में खानपान सेवाओं की ज़िम्मेदारी अब एकल ठेकेदारों को नहीं बल्कि ट्रेनों के समूहों (क्लस्टर्स) को सौंपने की व्यवस्था की गई है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि इस नीति का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विकास, जवाबदेही तय करने, और सेवा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार लाना है।

खानपान सेवाओं के लिए नए क्लस्टर मॉडल की शुरुआत

नई व्यवस्था के तहत, आईआरसीटीसी (IRCTC) ने रूटवार ट्रेनों के समूहों (क्लस्टर) की पहचान की है और उनके लिए पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के ज़रिए अनुबंध दिए हैं। 24 बोलीदाताओं में से 20 सेवा प्रदाताओं को ट्रेनों के समूहों की सेवाएं देने का जिम्मा सौंपा गया है।

आईआरसीटीसी ने स्पष्ट किया है कि सभी ठेके निविदा शर्तों के अनुरूप दिए गए हैं और किसी भी अनुचित लाभ या एकतरफा अनुबंध देने की बात निराधार है। अब तक किसी भी बोलीदाता को क्लस्टर-A के 80% से अधिक अनुबंध नहीं मिले हैं।

शिकायतों पर सख्ती से कार्रवाई, 13.2 करोड़ का जुर्माना

खानपान सेवाओं को लेकर आने वाली शिकायतों पर भी रेलवे ने सख्त रुख अपनाया है। वर्ष 2024-25 में यात्रियों की शिकायतों के आधार पर आईआरसीटीसी ने विभिन्न सेवा प्रदाताओं पर कुल ₹13.2 करोड़ का जुर्माना लगाया है। रेलमदद पोर्टल और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों की गुणवत्ता व तथ्यों के आधार पर जांच की जाती है और आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है।

हर दिन 16.5 लाख यात्रियों को परोसा जाता है भोजन

रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेल नेटवर्क पर हर दिन औसतन 16.5 लाख भोजन यात्रियों को परोसे जाते हैं। इस विशाल संख्या में भी गुणवत्ता, समयबद्धता और स्वच्छता बनाए रखना रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसे यह नई नीति काफी हद तक संबोधित करती है।

प्रशिक्षित मॉनिटर करेंगे निगरानी, होंगे प्रशिक्षित कर्मचारी तैनात

नई नीति के तहत ट्रेनों और बेस किचन में भोजन की गुणवत्ता की निगरानी के लिए हॉस्पिटैलिटी डिग्री/डिप्लोमा धारकों की तैनाती अनिवार्य की गई है। अभी कुल 819 मॉनिटर बेस किचन में और 876 मॉनिटर ऑनबोर्ड सेवाओं की निगरानी में लगे हैं।

इसके अलावा, खानपान सेवाओं का संचालन करने वाले कर्मचारियों की प्रशिक्षण प्रक्रिया और न्यूनतम योग्यता भी तय की गई है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सेवा में लगे कर्मचारी पेशेवर, दक्ष और उत्तरदायी हों।

स्वच्छता और पारदर्शिता पर ज़ोर

आईआरसीटीसी ने नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए मजबूत निगरानी तंत्र, अनुपालन व्यवस्था और ठेकेदारों की जवाबदेही को केंद्र में रखा है। इसका उद्देश्य न सिर्फ भोजन की गुणवत्ता में सुधार करना है, बल्कि यात्रियों का विश्वास भी बहाल करना है।

यात्री संतुष्टि सर्वोपरि

रेलवे ने दोहराया कि वह यात्रियों की संतुष्टि को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और समय-समय पर उनकी आवश्यकताओं और फीडबैक के आधार पर सेवाओं में बदलाव करता रहेगा।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button
close