International Driving: विदेशों की सड़कों पर बिहार की बेटियां चला सकेंगी गाड़ियां, 73 महिलाओं ने लिया इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट
अब बिहार की महिलाएं भी बनेंगी इंटरनेशनल ड्राइवर

पटना। नीतीश सरकार की पहल से अब बिहार की बेटियां भी विदेशों में आत्मविश्वास से गाड़ी दौड़ा रही हैं। राजधानी पटना के जिला परिवहन कार्यालय से बीते तीन सालों में 73 महिलाओं ने इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट हासिल किया है। वहीं, इसी अवधि में 602 पुरुष चालकों ने भी इस सुविधा का लाभ लिया।
राज्य सरकार की ओर से यह सुविधा प्रदेश के 38 जिलों के DTO कार्यालयों से उपलब्ध करा दी गई है। अब बिहार के चालक बिना अतिरिक्त झंझट के अपने ही शहर से IDP लेकर 160 देशों में छह महीने तक दोपहिया और चारपहिया वाहन चला सकते हैं।
यह कदम खासतौर पर उन लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है, जो यूएई, सऊदी अरब, अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, यूक्रेन, मॉरीशस और फिजी जैसे देशों में काम या पढ़ाई के लिए जाते हैं। कोरोना काल के बाद से विदेश यात्रा करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है और ऐसे में यह सुविधा सीधे तौर पर प्रवासी बिहारियों को राहत दे रही है।
महिलाएं बना रहीं नई पहचान
सबसे अहम पहलू यह है कि इस सुविधा का लाभ उठाने में बिहार की महिलाएं भी पीछे नहीं रहीं। राजधानी पटना में अब तक 73 महिलाओं ने इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट हासिल किया है। यह आंकड़ा भले संख्या में छोटा लगे, लेकिन इसका सामाजिक और प्रतीकात्मक महत्व बहुत बड़ा है। यह दर्शाता है कि बिहार की बेटियां अब केवल शिक्षा और रोजगार तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि विदेशों में जाकर भी आत्मविश्वास के साथ गाड़ी चला रही हैं।
महिलाओं की यह भागीदारी न केवल उनके आत्मनिर्भर और सशक्त होने का परिचय है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा है। यह साफ़ संदेश है कि नीतीश सरकार की नीतियाँ महिलाओं को सिर्फ़ राज्य स्तर पर नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर भी नई पहचान दिला रही हैं।