छपरा

छपरा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार ने पितृपक्ष के दौरान मरीजों का 2 लाख फीस माफ किया

• अब प्रत्येक गुरुवार को चलेगा निःशुल्क डायबिटीज व हाइपरटेंशन क्लिनिक
• संजीवनी नर्सिंग होम में निःशुल्क ओपीडी सेवा में 2 हजार लोगों का हुआ इलाज

छपरा। कहते डॉक्टर धरती पर भगवान का दूसरा रूप होता है, तो वहीं दूसरी तरफ चिकित्सकों पर इलाज के नाम पर मरीजों से रूपये लूटने का आरोप भी लगता है। लेकिन समाज में कुछ ऐसे भी चिकित्सक हैं जो निस्वार्थ भाव से समाज के वंचित और असहाय मरीजों को हर-संभव मदद करते हैं। हम बात कर रहें है छपरा शहर के श्यामचक स्थित संजीवनी नर्सिंग होम एंव मेटरनिटी सेंटर के संचालक और प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार की, जो हमेशा से गरीबों और वंचितों के सहायता के मदद के लिए खड़े रहते हैं। संजीवनी नर्सिंग होम एवं मेटरनिटी सेंटर में लायंस क्लब छपरा सारण के बैनर तले पितृपक्ष के उपलक्ष्य में निःशुल्क ओपीडी सेवा चलाया गया। जिसका बुधवार को समापन कर दिया गया। इस दौरान पितृपक्ष के 15 दिनों में कुल दो हजार लोगों को निःशुल्क परामर्श दिया गया। जिसमें 15 दिनों में दो लाख फीस माफ किया गया है। इसके साथ ही अब प्रत्येक गुरुवार को शाम 02 बजे से 05 बजे तक चलेगा निःशुल्क डायबिटीज व हाइपरटेंशन क्लिनिक संचालित होगा। जिसका उद्धघाटन शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक लायंस डॉ अनिल कुमार, लायंस डॉ. एसके पांडेय ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया ।

मौके पर डॉ अनिल कुमार ने कहा कि माता-पिता ही सर्वोपरि होते हैं। आप मंदिर जाएं अथवा ना जाएं, पूजा, पाठ, तीर्थ, व्रत, दान, पुण्य, भंडारा करें या ना करें, अपने माता-पिता की सेवा अवश्य करें। क्योंकि माता-पिता की सेवा ही सबसे बड़ी पूजा है। आज अपने पिता के याद में संचालित निःशुल्क ओपीडी का समापन किया है। मै जो कुछ भी हूं मेरे माता पिता का ही देन है। यह जो कार्य मै करता हूं इसमें मेरा बहुत रोल नहीं रोल उनका है जिन्होंने मुझे इस काबिलियत बनाया कि गरीब असहाय लोगों के को सेवा कर सकूं और ऐसे कार्य कर दो लाख माफ कर दूं। इस सबका श्रेय मेरे माता पिता को जाता है। अभी समाज में बहुत सारे ऐसे दृश्य देखनो को मिलता है जो काफी भावुक पल होता है जिनके पुत्र है उसके बाद भी उनको वुद्धश्रम में रहना पड़ता है. यह सब देख कर बहुत दुःख होता है इस आयोजन करने का मेरा प्रप्स बस यही है कि आने वाली पीढ़ी इसके प्रति जागरूक हो अपने माता पिता को अपने घर में रखे। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को अच्छे संस्कार व अच्छी शिक्षा यह सब सिख देनी चाहिए। क्योंकि शिक्षा के साथ -साथ अगर संस्कार नहीं है आप कितने भी धनी बन जाये अगर आपके माता पिता ही ख़ुश नहीं है आपके साथ नहीं तो आप एक जानवर से भी बत्तर है क्योंकि जानवर भी है तो अपने माता पिता को कभी अलग नहीं होने देना चाहता है और नहीं दूर रहा पाता है। इस मौके पर लायंस डॉ एसके पांडेय ने डॉ अनिल कुमार कि इस कार्य का सरहना की और कहा कि जब से लायंस क्लब छपरा सारण के अध्य्क्ष बने है तब से कुछ अलग और नया कर समाज के प्रति सेवा भाव से समर्पित रहते है।

इस मौके पर पर डॉ अनिल कुमार, डॉ एस के पांडेय, रणधीर जैसवाल, प्रमोद मिश्रा, नागेंद्र कुमार, सतनरायण, आसुतोष शर्मा, नरायण पाण्डेय, संदीप गुप्ता, अमर गुप्ता, साकेत, मुकेश कुमार, वासदेव गुप्ता, मनोज सकल्प वर्मा, शैलेश कुमार यादव, गुड्डू जी, दसरथ राय मौजूद थे।

News Desk

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