उत्तर प्रदेशदेश

Rail Museum: ट्रेन की सीटी और इतिहास की गूंज, गोरखपुर रेल म्यूज़ियम बना परिवारिक पर्यटन का हॉटस्पॉट

भारतीय रेल की विरासत का जीवंत संग्रहालय

गोरखपुर। भारतीय रेल के स्वर्णिम इतिहास और तकनीकी विकास की कहानी को समेटे गोरखपुर रेल म्यूज़ियम पूर्वोत्तर रेलवे के गौरव का प्रतीक बनता जा रहा है। यह संग्रहालय ना केवल रेलवे प्रेमियों, बल्कि इतिहास और तकनीक में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों एवं आम नागरिकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र बन चुका है।

पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा संचालित यह म्यूज़ियम भारतीय रेल की समृद्ध विरासत को बेहद रोचक और व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करता है। यहां आगंतुकों को पूर्वोत्तर रेलवे का पहला इंजन “लाई लॉरेंस”, पुराने रेलवे उपकरण, दुर्लभ मॉडल्स और ऐतिहासिक दस्तावेजों का अद्भुत संग्रह देखने को मिलता है।

Railway News: 280 करोड़ 17 लाख रुपये के बजट को मिली हरी झंडी, जल्दी शुरू होगा नई रेल लाइन बिछाने का काम 

परिवार के साथ मनोरंजन और ज्ञान का संगम

रेल म्यूज़ियम बच्चों के लिए भी एक मनोरंजक स्थल बन गया है। यहां पर बच्चों को पुराने ज़माने की ट्रेन, स्ट्रीट लाइट, सिग्नल सिस्टम और अन्य दुर्लभ चीज़ें देखने को मिलती हैं। ट्रेन की छोटी राइड बच्चों को खासा लुभाती है, जिससे यह स्थल पारिवारिक भ्रमण के लिए बेहद उपयुक्त बन जाता है।

Railway News: छपरा-सूरत एक्सप्रेस समेत 2 ट्रेनों का मार्ग बदला, दो ट्रेनें कैंसिल

प्रवेश शुल्क और समय

म्यूज़ियम में प्रवेश के लिए प्रत्येक व्यक्ति को 20 रुपये का टिकट लेना होता है। यह म्यूज़ियम प्रति दिन सुबह 10 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है, जिससे पर्यटकों को समयानुकूल भ्रमण की सुविधा मिलती है।

जैसे ही कोई दर्शक अंदर प्रवेश करता है, उन्हें अंग्रेज़ी शासन काल के समय की कई ऐतिहासिक वस्तुएं देखने को मिलती हैं—जैसे स्ट्रीट लाइटें, हाथ से चलने वाले उपकरण, और शुरुआती रेल संचालन की झलकियाँ।

Chhapra News: छपरा शहर में फुटपाथी दुकानदारों के लिए बनेगा वेंडिंग जोन, DM ने किया स्थल निरीक्षण

पूर्वोत्तर रेलवे की आम जन को अपील

पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने परिवार के साथ गोरखपुर रेल म्यूज़ियम अवश्य आएं और भारतीय रेल की शौर्यगाथा एवं प्रगति के युगों का प्रत्यक्ष अनुभव करें।

इस संग्रहालय के माध्यम से भारतीय रेल का अतीत, वर्तमान और भविष्य एक साथ सजीव हो उठता है, जो आने वाली पीढ़ियों को इसकी ऐतिहासिकता से जोड़ने का कार्य कर रहा है।

News Desk

Publisher & Editor-in-Chief

Related Articles

Back to top button