सारण की बेटी श्वेता राज ने दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत ज्यूडिशियल सर्विस में पाया 13वां स्थान

छपरा
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छपरा। दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत के बल पर इंसान ने पहाड़ों को काटकर रास्ता बनाया है. मरूस्थल को हरियाली में बदला है. समुद्र को चीरकर रास्ता बनाया है. धरती की गहराईयों से खनिज निकाले हैं और अब तारों से परे पहुंच बना रहा है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है अनुमंडल के सोनपुर नगर क्षेत्र के सवाइच निवासी समाज सेवी शैलेन्द्र राम की की सुपुत्री श्वेता राज लक्ष्मी ने. उन्होंने 32 वीं बिहार ज्यूडिशियल सर्विस में सफलता हासिल कर परिवार, समाज और जिला का नाम रोशन किया है.

उन्हें अपने पहले प्रयास में ही यह सफलता मिली है. इसके साथ ही 13 वां स्थान हासिल कर उन्होंने ने यह भी साबित कर दिया है कि अपनी मेहनत की बदौलत वह उस मुकाम पर पहुंच गयी हैं जहां से सिर्फ उपलब्धि ही बाकी रहती है. उन्हें न्यायिक सेवाओं में शामिल होने की प्रेरणा अपने पिता श्री राम से मिली.

श्वेता ने अपनी बुनियादी शिक्षा हाजीपुर के सेंट पॉल हाई स्कूल से प्राप्त की. सिंबायोसिस लॉ कालेज पुणे से एलएलबी की पढ़ाई की. उन्होंने पटना में रहकर इस परीक्षा की तैयारी की. बीपीएससी द्वारा आयोजित न्यायिक सेवा परीक्षा में पताका फहरा कर श्वेता ने अपने पिता के साथ शिक्षक माता विजय राज लक्ष्मी के सपने को साकार कर दिया है.

सफलता उन्हीं को मिलती है जो सही दिशा में मेहनत करते हैं

श्वेता ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और चाचा निप्पु संजीव रेड्डी के प्रशिक्षण, प्रोत्साहन के साथ प्रार्थना को दिया है. उन्होंने छात्रों को अपना संदेश देते हुए कहा कि हर व्यक्ति अपने क्षेत्र में सफल होना चाहता है. सफलता की प्राप्ति के लिए ही वे कड़ी मेहनत और संघर्ष करते हैं. लेकिन सफलता उन्हीं को मिलती है जो सही दिशा में मेहनत करते हैं. जो लोग सटीक ज्ञान प्राप्त करते और उस पर प्रभावी ढंग से कार्य करते हैं. इसके विपरीत अर्ध-ज्ञान खतरनाक है. अधूरा ज्ञान या गलत जानकारी हमारी मेहनत, पैसा और समय बर्बाद कर सकती है.

उन्होंने कहा कि किसी भी सफलता का कोई रहस्य नहीं होता. या फिर सफलता के लिए कोई जादुई छड़ी नहीं होती और न ही सफलता का कोई शॉर्टकट होता है. मेरा मानना ​​है कि सफलता सटीक योजना, कड़ी मेहनत और गलतियों से सीखने का परिणाम है.

सर्वप्रथम हम अपना लक्ष्य निर्धारित करें कि हमें किस मुकाम को हासिल करना है और कितनी दूर तक जाना है. अपना पसंदीदा करियर चुनें. एक बार जब हमारा लक्ष्य निर्धारित हो जाए तो हमें मंजिल तक पहुंचने के लिए एक योजना तैयार करनी होगी. बाद में लगातार मेहनत से सफलता हासिल की जा सकती है.